द्वारका एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगी NCR की ये 5 सड़कें, 80 करोड़ आएगी लागत
NCR : आपको बता दें कि एनसीआर के इन पांच सड़कों को द्वारका एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इससे गुरुग्राम के लोगों का द्वारका एक्सप्रेसवे तक पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें इन सड़कों के दोबारा निर्माण 80 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है...
Saral Kisan, Delhi : गुरुग्राम में सेक्टर 99 से लेकर 115 के बीच आने वाली 5 सड़कों का कायाकल्प किया जाएगा. साथ ही इन्हें नवनिर्मित द्वारका एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा. इससे गुरुग्राम के लोगों का द्वारका एक्सप्रेसवे तक पहुंचना बहुत सरल हो जाएगा. इन सड़कों के दोबारा निर्माण 80 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.
इसके लिए हुई कोर प्लानिंग सेल की बैठक में अनुमति दी गई थी. जीएमडीए के अधिकारी ने बताया कि इन सड़कों का निर्माण हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 2014 में किया था और 2018 में यह जीएसडीए को सौंप दी गई थीं.
इन सड़कों पर फिलहाल वाहन चला पाना संभव नहीं है. ये सड़के पूरी तरह खराब हो चुकी हैं. आम दिनों में भी यहां से वाहन लेकर जाना आपको मैकेनिक के दर्शन करा सकता है. बरसात के समय में तो इन रास्तों का इस्तेमाल खतरनाक हो जाता है. ऐसे में इनके दोबारा निर्माण और द्वारका ई-वे से जुड़ने के बाद लोगों को जरूर कुछ राहत मिलेगी.
कौन सी पांच सड़कें?
अधिकारियों ने इन पांचों सड़कों के नाम बताए हैं. पहली है सेक्टर 114 आउटर रोड जो करीब 700 मीटर लंबी है. इसे बनाने में 10.66 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. दूसरी सड़क है सेक्टर 102 और 102ए के बीच की मास्टर रोड. इसे बनाने में 15.48 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. तीसरी सड़क सेक्टर 106 से 103 के बीच बनाई जाएगी. इसकी लागत 17.86 करोड़ रुपये होगी. चौथी सड़क सेक्टर 106 से 109 के बीच बनेगी जिसे 18.92 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा. पांचवी सड़क को बनाने में 16.41 करोड़ रुपये खर्च होंगे जो सेक्टर 102ए और 103 के बीच मास्टर होगी.
महत्वपूर्ण है ये दोनों सड़कें
जीएमडीए अधिकारी ने बताया है कि सेक्टर 102 और 102ए व सेक्टर 102ए और 103 के बीच की मास्टर रोड काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल, सेक्टर 102ए में शीतला माता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निर्माण हो रहा है. इसी तरह 102 से 102ए वाली सड़क हीरो हॉन्डा चौक से एम्स तक कनेक्टिविटी देगी. जीएमडीए के सीईओ PC मीणा ने कहा है कि सड़कों का निर्माण जरूरत के हिसाब से पर्याप्त अंडरपास व फ्लाईओवर के साथ होना चाहिए. इन सड़कों का निर्माण इस तरह किया जाएगा कि स्थानीय लोग गलत एंट्री या कट नहीं ले पाएंगे.
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