उत्तर प्रदेश में नही होगी अब बिजली चोरी, बनी नई प्लानिंग, अचानक से पहुंचेगी टीम
UP News : उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए पावर कॉरपोरेशन ने कई बड़े कदम उठाए हैं. लेकिन इसके बाद भी बिजली चोर पावर कारपोरेशन के लिए चुनौती बने हुए हैं. लेकिन अब प्रदेश में बिजली चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. प्रदेश में पावर कारपोरेशन ने बड़ा प्लान बना लिया है.
Uttar Pradesh News : बिजली चोरी करना एक कानून जुर्म है. बिजली चोरी करने वालों को भारी भरकम जुर्माने के साथ जेल की सजा भी हो सकती है. उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी करने वालों की अब खैर नहीं होगी. प्रदेश में बिजली चोरों के खिलाफ अब ऊर्जा मंत्री के आदेशों के बाद पावर कॉरपोरेशन बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. उत्तर प्रदेश के पश्चिमांचल में अनुमान के मुताबिक हर माह लगभग 107 करोड रुपए की बिजली चोरी की जाती है.
बिजली चोरी लाइन लॉस पर लगाम
पश्चिमांचल इलाके में बिजली चोर पावर कारपोरेशन के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं. पावर कॉरपोरेशन ने शहरों से लेकर गांव तक खुले तारों की जगह पर एरियल बंच कंडक्टर केबल बिछाकर बिजली चोरी लाइन लॉस पर कुछ लगाम लगाई है. लेकिन फिर भी बिजली चोर बिजली चोरी करने से बाज नहीं आ रहे है. एबी केबल और स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी बिजली चोरों ने बिजली चोरी का जुगाड़ निकाल लिया है.
बिजली चोरों के खिलाफ अब बड़ी कार्रवाई
प्रदेश के पश्चिमांचल में हर माह लगभग 107 करोड रुपए की बिजली चोरी होने का दावा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने किया है. अब बिजली चोरी के खिलाफ ऊर्जा मंत्री ने बड़ा सख्ती का रूप अपनाया है. ऊर्जा मंत्री के दिशा निर्देशों के बाद बिजली चोरों के खिलाफ अब बड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पीवीवीवीएनएल अधिकारियों ने पश्चिमांचल के प्रत्येक डिवीजन में तीन-तीन हाईलॉस फीडरों को चयनित किया हैं। इन चयनित फीडरों में मेरठ में सबसे अधिक 50% से अधिक लाइन लॉस वाले हैं। विजीलेंस टीमें अक्सर बिजली चोरी और लाइन लॉस होने वाले फीडरों पर संबंधित बिजलीघर के जेई को साथ लेकर छापेमारी करेंगे और चोरों को पकड़ेंगे। मेरठ के अलावा बुलंदशहर, बिजनौर, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर और संभल में भी कई फीडर हाईलॉस हैं।
14 जिलों में छापेमारी की कार्रवाई
उधर, मेरठ जोन द्वितीय, जो मेरठ और बागपत जिलों को शामिल करता है, में प्रत्येक खंड के तीन-तीन फीडरों को चिह्नित किया गया है, जो 50% से अधिक लाइन लॉस वाले हैं। विजीलेंस टीमों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि वे जेई के साथ चिहिन्त फीडरों पर भी जांच करके कड़ी कार्रवाई करें। वहीं, पहले वित्तीय वर्ष में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 14 जिलों में छापेमारी की कार्रवाई करके 31,911 बिजली चोरी के मामले दर्ज किए थे। पिछले महीने तक 12,554 बिजली चोरी के मामले दर्ज किए गए। बिजली चोर करोड़ों रुपये वसूलते हैं।
फीडरों पर विजीलेंस के जरिए चेकिंग कर कार्रवाई शुरू
मेरठ जोन द्वितीय के प्रमुख अभियंता सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि 50 प्रतिशत से ज्यादा लाइन लॉस वाले फीडरों पर विजीलेंस के जरिए चेकिंग कर कार्रवाई शुरू की गई है, ताकि बिजली चोरी को रोका जा सके। जोन में 30 फीडर (प्रत्येक खंड के तीन-तीन फीडर) चिहिन्त करके छापेमारी की जाती है। बिजली चोरी के खिलाफ चलेगा खास अभियान । विद्युत चोरी करने सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पश्चिमांचल में हर साल करीब 1294 करोड़ की बिजली चोरी होती है। औसतन, पश्चिमांचल में हर महीने करीब 107 करोड़ की बिजली चोरी होती है। कुछ उपभोक्ताओं और कुछ अफसरों के बीच साठगांठ के चलते बिजली चोरी हो रही है। PVVNL प्रबंधन बिजली चोरी और चोरी करने वालों पर कठोर कार्रवाई करें। बिजली चोरी तभी रुक जाएगी।