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उत्तर प्रदेश में अब नहीं होगी बिजली की समस्या, इस शहर में शिविर के पानी से बनाई जाएगी बिजली

राष्ट्रीय और वैश्विक प्रदूषण को कम करने के लिए सभी क्लीन एनर्जी की ओर देख रहे हैं। यानी ऊर्जा जिसके पैदावार से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।
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There will be no problem of electricity in Uttar Pradesh now, electricity will be generated from camp water in this city

Saral Kisan : राष्ट्रीय और वैश्विक प्रदूषण को कम करने के लिए सभी क्लीन एनर्जी की ओर देख रहे हैं। यानी ऊर्जा जिसके पैदावार से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। आज मानव सभ्यता के लिए सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता ऊर्जा है। ऊर्जा को विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं। आज की दुनिया में प्रदूषण से मुक्त ऊर्जा बनाना सबसे कठिन काम है। इसका लेक है और कई बार इस्तेमाल किया जाता है।

साथ ही, मुरादाबाद एमआईटी कॉलेज के शिक्षकों ने एक अध्ययन शुरू किया है। जो आपको नदी के जल से बहुत कम पैसों में बिजली बनाता है। इससे घर, दुकान और सामान्य जीवन में बिजली की कमी दूर हो सकेगी। दैनिक उपयोग के बाद भी पानी बागवानी में सब्जी दे सकेगा।

सीवर टैंक का जल बिजली बनेगा

एमआईटी के डीएन एकडमिक्स डा.क्षितिज सिंघल और डॉ.अमित सक्सेना, सहायक प्रोफेसर और डॉ.राजुल मिश्रा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख ने इस अध्ययन में सहयोग किया है। उस काम का पेटेंट भी प्रकाशित हो चुका है। टीम ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट और रिसाईकिल सिस्टम का अध्ययन पंजीकृत कराया है। दिल्ली स्थित संस्था भी इस अध्ययन का पटेंट कर चुकी है। यह काम भी एआईसीटीई इन्वेंटर्स चैलेंज के सेमीफाइनल में शामिल हो गया है। ये परियोजनाएं भी एआईसीटीई आविष्कारक चुनाव में शामिल हैं, जिसमें 80 परियोजनाएं पूरे भारत से चुनी गई हैं। टीम ने इस तरह की वैक्टीरिया रामगंगा की मिट्टी में पाई है। जो 10 से 15 दिन के भीतर सीवर टैंक के पानी से बिजली बनाने लगेगा।

ये दो कार्य हैं

डॉक्टर क्षितिज सिंघल और डॉक्टर अमित सक्सेना ने बताया कि हमने स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम पर करीब तीन साल का अध्ययन किया है। हमने पेटेंट भी फाइल किया है। जो अब सेकंड लेवल पर है। सभी जगह यह समाप्त हो गया है। अब एआइसिटी हमें इस परियोजना को बनाने के लिए कॉम्पोनेंट्स देगी। ताकि हम इसे बड़े पैमाने पर बना सकें। यह एक दो-इन-वन परियोजना है। यह घरों से निकलने वाले पश्चिमी जल को ही साफ करेगा। बल्कि यह विद्युत क्षेत्र का दूसरा कार्य है। जो घर की छोटी-छोटी चीजों में लागू होगा। जिससे बिजली बच जाएगी।

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