उत्तर प्रदेश में बिजली चोरों में मचेगी खलबली, घर-घर जाकर चलेगा चेकिंग अभियान, रहे तैयार
UP News : बिजली चोरी करना एक कानून अपराध है। बिजली चोरी करने के मामले में आपको जुर्माने के साथ जेल भी हो सकती है। उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी के मामलों से विभाग परेशान हो गया है। उत्तर प्रदेश में निगम के कर्मचारी अब घर-घर जाकर दस्तक देंगे।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी के मामले को देखते हुए विभाग ने सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। जिस भी इलाके में बिजली चोरी की वारदात हो रही है वहां निगम के अधिकारियों द्वारा घर-घर जाकर विशेष बिजली चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। बिजली चोरी करने वालों को किसी भी शर्त पर बक्सा नहीं जाएगा।
मास्टर प्लान पर तैयारियां शुरू
बिजली विभाग किस मास्टर प्लान पर तैयारियां शुरू कर दी गई है। 5 जून के बाद कर्मचारी घर-घर जाकर बिजली चोरी के खिलाफ चेकिंग अभियान शुरू किया जाएगा। मौसम में बिजली लोड अधिक होने से लाइनों पर ट्रिपिंग की समस्या अधिक आती है। बिजली उपभोक्ताओं के घर जाकर चेक किया जाएगा कि उनका लोड कितना है। ज्यादा लोड होने पर अधिकारी तुरंत उनके लोड बढ़ाएंगे।
डिवीजन 70 पर इंजीनियरों से अधिकारियों ने पादरों की सूची मांगी है। जिनवी इलाकों में 10 दिनों में सबसे ज्यादा फाल्ट और एक अघोषित बिजली कटौती समस्या आ रही है उनकी सूची विभाग को बताएं।
कानून के अनुसार कार्रवाई
अधिकारियों का कहना है कि अभियान फीडरों से संचालित क्षेत्रों में पुलिस की मौजूदगी में शुरू होगा। जिन क्षेत्रों में स्वीकृत लोड से अधिक बिजली की आवश्यकता होगी, उनके लोड को उचित समय पर ही बढ़ाना होगा। साथ ही मीटर चोरी या छेड़छाड़ पकड़े जाने पर कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।
ट्रांसफार्मर अतिरिक्त भार
प्रचुर गर्मी में केबल और ट्रांसफार्मर अतिरिक्त भार नहीं सह सकते हैं। इसलिए आज फाल्ट हो रहे हैं। सोमवार को कुतुबखाना, किला क्षेत्र और सुभाष नगर में स्थानीय फाल्ट के कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। दिन भर लोगों को यह फाल्ट परेशान करता रहा। सोमवार को तड़के 2:30 बजे तक आजम नगर, कूंचा सीताराम इलाके में रविवार की रात करीब 11:30 बजे बाधित हुई सप्लाई जारी रही। वहीं, कालीबाड़ी पुराना बस स्टाफ के आसपास के इलाकों में बिजली की आवाजाही थी।
शहर में कोई बड़ा फाल्ट नहीं हुआ है। टीमों ने समय से कुछ स्थानीय समस्याओं को हल किया है। उपकेंद्रों पर ओवर लोडिंग की निरंतर निगरानी की जाती है, ताकि बड़े फाल्ट को रोका जा सके।