उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने तैयार किया इस नए शहर का प्लान, 8100 हेक्टेयर में बनेगी इंडस्ट्री
UP : यूपी में बढ़ती आबादी को लेकर सरकार ने अब प्लान तैयार कर लिया है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आबादी के साथ ही उद्योगों के बढ़ते दबाव को देखते हुए अब यूपी में नया नोयडा बसाने की तैयारी चल रही है. न्यू नोएडा में उद्योगों के लिए भी बड़े पैमाने पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी जबकि लोगों की रिहायश के लिए मकान बनेंगे। प्रदेश सरकार ने न्यू नोएडा को विशेष निवेश क्षेत्र घोषित किया है।
राजधानी के पास ग्रेटर नोएडा अथोरिटी बोर्ड ने न्यू नोएडा बसाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बोर्ड में न्यू नोएडा के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान को लागू किए जाने पर भी अपनी सहमति दे दी है। अब जल्द ही काम भी शुरु कर दिया जाएगा. न्यू नोएडा के लिए अथॉरिटी सबसे पहले 86 गांवों की करीब 21000 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करेगी जोकि फिलहाल कृषि कार्यों में इस्तेमाल हो रही है। हालांकि पूरे न्यू नोएडा का क्षेत्रफल 55000 हेक्टेयर से अधिक हो सकता है।
यह मास्टर प्लान प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर ने तैयार किया है. यह नया व्यवस्थित शहर बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के गावों को मिलाकर बनाया जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक न्यू नोएडा में बुलंदशहर के 60 तो गौतमबुद्धनगर के 20 गांव शामिल किए जाएंगे। इसके अलावा गाजियाबाद के छह अन्य गांव भी शामिल किए जाएंगे।
न्यू नोएडा में आवासीय, व्यावसायिक भूखंडों के अलावा विशेष औद्योगिक क्षेत्र (SEZ) स्थापित किए जाएंगे। राजधानी दिल्ली के पास बस रहे इस नए शहर में लॉजिस्टिक हब, इंटीग्रेटेड टाउनशिप, स्किल डेवलपमेंट सेंटर के साथ ही ही नॉलेज सेंटर व विश्वविद्यालयों के लिए जमीन उपलब्ध होगी।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बोर्ड की मंजूरी के बाद अब जल्दी ही न्यू नोएडा के ले जमीन अधिग्रहण का काम शुरू किया जाएगा। अथॉरिटी ने अपने बजट में इस साल न्यू नोएडा में जमीन अधिग्रहण व आंतरिक विकास के कामों के लिए 1000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
न्यू नोएडा के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन में सबसे बड़ा हिस्सा करीब 8100 हेक्टेयर उद्योगों के लिए आरक्षित किया जाएगा। इसी तरह करीब 2000 हेक्टेयर आवासीय परिसरों के लिए तो 1600 हेक्टेयर विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आवंटित की जाएगी।
अथॉरिटी अधिकारियों का कहना है कि उद्योगों से लेकर सामान्य लोगों तक में NCR के करीब जमीन की मांग बढ़ती जा रही है जबकि नोएडा व ग्रेटर नोएडा के पास इतनी मात्रा में जमीन उपलब्ध नहीं है। न्यू नोएडा अगले दो दशक तक आबादी व उद्योगों के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध करा सकता है।
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