उत्तर प्रदेश में इन 2 जिलों के बीच लंबे समय से अटका पड़ा है फोरलेन हाईवे का काम, जल्द होगा पूरा
UP News : उत्तर प्रदेश के दो जिलों के बीच 300 किलोमीटर के हाइवे को फोरलेन में तब्दील करने के लिए वित्तीय वर्ष 2013-14 में NHAI ने योजना बनाई थी। यह हाईवे 300 किलोमीटर लंबा हैं। इस हाइवे को फोरलेन में तब्दील करने के लिए 3800 करोड रुपए का धन निर्धारित हुआ था।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के लखनऊ से लेकर वाराणसी तक 300 किलोमीटर हाईवे को फोरलेन बनाया जाना हैं। लखनऊ वाराणसी फोरलेन हाईवे का काम 10 वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में लखनऊ सुल्तानपुर वाराणसी हाईवे को फोरलेन में बदलने की योजना बनाई थी। इस हाइवे को बनाने में 3800 करोड रुपए की धनराशि निर्धारित की गई थी। इस हाईवे का काम ढाई साल में पूरा करना था। लेकिन 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह योजना अब तक पूरी नहीं हुई है। इस योजना को पूरा करने के लिए अब तक 10 बार वक्त NHAI के जिम्मेदार से बढ़वा चुके हैं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस योजना का प्रस्ताव केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय को इस वर्ष भेजा है। NHAI से मंत्रालय ने इस योजना का इस्टीमेट डीपीआर अब मांग लिया है। केंद्र सरकार की तरफ से वित्तीय वर्ष 2014-15 में भूतल परिवहन मंत्रालय को इस योजना के डीपीआर वह एस्टीमेट को मंजूरी दे दी थी। इस हाइवे पर हनुमानगंज गोपालपुरा बाईपास का ओवर ब्रिज का निर्माण भी अधर में लटका हुआ है।
300 किलोमीटर लंबा फोरलेन
इससे परियोजना को पूरा करने के लिए 3800 करोड रुपए की लागत से 300 किलोमीटर की दूरी का लखनऊ वाराणसी हाईवे को बनाया जाएगा। इस लागत राशि में फोरलेन में आने वाले किसानों की जमीन का मुआवजा भी शामिल था। इससे योजना का निर्माण कार्य है 30 से 31 दिसंबर 2017 तक के पूरा किया जाना था। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस योजना को जल्द पूरा करने के लिए इस हाइवे को दो भागों में बांटा था। इन्हें दोनों भागों के टेंडर करवाया गया था। दोनों भाग लखनऊ से सुल्तानपुर और वाराणसी सुल्तानपुर बांटा गया।
कंस्ट्रक्शन कंपनी को दी जिम्मेदारी
प्लीज से परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की देखरेख में बनाने के लिए लखनऊ सुल्तानपुर भाग के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को दी गई। इससे सुल्तानपुर वाराणसी भाग को बनाने की जिम्मेदारी गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड को दी गई। गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड को सुल्तानपुर वाराणसी हाईवे के 165 किलोमीटर हिस्से का निर्माण करना था। इस कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को समय से 3 महीने पहले ही पूरा कर दिया। इससे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 31 दिसंबर 2017 का लक्ष्य रखा गया था लेकिन ने कंपनी ने 3 महीने पहले ही निर्माण कार्य पूरा कर दिया। इससे 300 किलोमीटर लंबे हाईवे के दोनों हिस्सों को पूरा करने के लिए 30 महीने की आवश्यकता थी। गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी ने सुल्तानपुर वाराणसी परियोजना को पूरा करने में लगभग 10 साल का समय बिता दिया है। इस फोरलेन हाईवे पर हनुमानगंज हनुमानगंज-दोमुहा बाइपास पर स्थित गोपालपुर-हनुमागंज रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य अभी अधर में लटका हुआ है।
गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट
लखनऊ-वाराणसी हाईवे फोरलेन परियोजना का एक हिस्सा वाराणसी-सुलतानपुर फोरलेन परियोजना को पूरा करने के लिए NHAI ने करीब दस बार समय बढ़वाया। 30 जून 2024 को अंतिम गाइड लाइन निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन ओवरब्रिज निर्माण अभी भी नहीं पूरा हुआ है, जिससे परियोजना अधर में पड़ी हुई है। परियोजना निदेशक आरएस यादव ने बताया कि गोपालपुर ओवरब्रिज पर वाराणसी-सुलतानपुर फोरलेन परियोजना का निर्माण कार्य चल रहा है। अगस्त तक परियेाजना पूरा हो जाएगा। गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है, इसलिए दूसरी कंस्ट्रक्शन कंपनी से काम कराया जा रहा है।