home page

दिल्ली वालों के मुंह लगा है UP की इस रसोई का स्वाद, मक्के की रोटी, सरसों का साग बिल्कुल लाजवाब

आजकल, लोगों की पहली प्राथमिकता हाई क्लास रेस्टोरेंट है। बागपत की देसी रसोई में स्वादिष्ट भोजन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां खाना मिट्टी के बर्तनों में परोसा जाता है, इसलिए बागपत की देसी रसोई का खाना कुछ अलग स्वाद देता है।
 | 
The people of Delhi have tasted the taste of this kitchen of UP, the corn bread and mustard greens are absolutely wonderful.

Saral Kisan - आजकल, लोगों की पहली प्राथमिकता हाई क्लास रेस्टोरेंट है। बागपत की देसी रसोई में स्वादिष्ट भोजन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां खाना मिट्टी के बर्तनों में परोसा जाता है, इसलिए बागपत की देसी रसोई का खाना कुछ अलग स्वाद देता है। बागवानी देसी रसोई शुद्ध देसी घी से खाना बनाती है। मक्के की रोटी और सरसों का साग यहाँ बहुत लोकप्रिय हैं। यहाँ का स्वादिष्ट पराठा देखकर लोगों का मन ललचा जाता है। यहां खाना मिट्टी के बर्तनों में परोसा जाता है, जिससे खाने की गुणवत्ता शुद्ध रहे और उसके स्वाद में खासियत रहे।

दूर-दूर से स्वाद के प्रेमी

यह बागपत के दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर सिसाना गांव के पास है। होटल के संचालक संजय चौहान ने बताया कि वह पिछले तीन वर्षों से देसी रसोई चलाते हैं। यहां खाना शुद्ध मिट्टी के बर्तनों में बनाया जाता है और मिट्टी के बर्तनों में ही दिया जाता है, जिससे खाने की गुणवत्ता में कोई फर्क नहीं पड़ता। देहरादून, मेरठ, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा से आने वाले लोग यहां की मक्के की रोटी और सरसों के साग का स्वाद भूल नहीं पाते।

देसी रसोई का विचार इस तरह आया

संजय चौहान ने बताया कि एक बार वह अपने दोस्तों के साथ राजस्थान गया था। जिस स्थान पर उन्होंने शुद्ध और देसी घी से बना खाना मिट्टी के बर्तनों में खाया, वहीं से उनके मन में विचार आया कि वे बागपत में जाकर ऐसा ही एक होटल बनाएंगे। जिसमें सभी को शुद्ध देसी घी, मक्खन से भरा खाना मिलता था और लोग खाने के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रख सकते थे, उसके बाद उन्होंने इसे बनाया।

लजीज पराठा देखने से मन ललचा जाता है

लोगों को यहाँ का स्वादिष्ट पराठा लुभाता है। इस पराठे को बागपत के अधिकारी भी बहुत पसंद करते हैं और ऑर्डर पर मांगते हैं। इस स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेते हैं। संचालक ने कहा कि देसी रसोई ढाबे ने आज तक शुद्धता के साथ कोई समझौता नहीं किया, जो अच्छे रेस्तरां को पीछे छोड़ता है। मक्के की रोटी और सरसों का साग 160 रुपये हैं। जिसमें चार रोटी और साग है। यहां चार प्रकार के परांठे बनाए जाते हैं और उनका मूल्य सिर्फ सत्तर रुपये है। सस्ते और किफायती भोजन के लिए लोग देसी रसोई पसंद करते हैं।

ये पढ़ें : Electric Car में रेंज की टेंशन खत्म, ऐसी बैटरी जो 10 मिनट के चार्ज में देगी 400 किलोमीटर की रेंज

Latest News

Featured

You May Like