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राजस्थान के गंगानगर में बनती है सबसे मजबूत ईंटें, दूर दूर से लेने पहुंचते हैं लोग

Ganganagar News : श्रीनगर जिले के श्री विजयनगर, अनूपगढ़, घढ़साना, जैतसर और रामसिंहपुर के स्थान की ईंटे बहुत ही मजबूत होती है। यही प्रमुख कारण है कि जैतसर से अनूपगढ़ जिले तक कुल 550 से अधिक भट्ठे बने हुए हैं। इन भट्ठो की ईंटों के मजबूत होने का सबसे बड़ा कारण घग्गर बेल्ट के चिकनी मिट्टी से इन ईंटो का बनना है।
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राजस्थान के गंगानगर में बनती है सबसे मजबूत ईंटें, दूर दूर से लेने पहुंचते हैं लोग

Rajasthan News : राजस्थान जिले के अलग-अलग शहरों में वैसे तो बहुत सारे भट्ठे हैं, जिनमें ईंटों का निर्माण किया जाता है। परंतु श्रीनगर जिले के श्री विजयनगर, अनूपगढ़, घढ़साना, जैतसर और रामसिंहपुर के स्थान की ईंटे बहुत ही मजबूत होती है। यही प्रमुख कारण है कि जैतसर से अनूपगढ़ जिले तक कुल 550 से अधिक भट्ठे बने हुए हैं। जिनमें से आधे से ज्यादा ईंट भट्ठे तो श्री विजयनगर, अनूपगढ़, रायसिंहपुर और घड़साना में स्थित है। इन भट्ठो की ईंटों के मजबूत होने का सबसे बड़ा कारण घग्गर बेल्ट के चिकनी मिट्टी से इन ईंटो का बनना है।

1. इन जगहों की ईंटों के मजबूत होने का कारण इन ईंटों को पकाने के लिए सरसों के गुने का इस्तेमाल किया जाता हैं, जिसका उपयोग करना ईंटों के लिए कोयले से भी बढ़िया माना जाता है।
2. इन क्षेत्रों के पास घग्गर नदी की वजह से नाली बेल्ट की चिकनी मिट्टी मैं बालू रेत की मात्रा कम होने के कारण से इन ईंटों को मजबूती मिलती है।
3. अनूपगढ़ क्षेत्र का पानी जो कि ना ही ज्यादा मीठा है और ना ही ज्यादा खारा जिसका प्रयोग इस चिकनी मिट्टी में में किया जाता है। जिससे ईंटों की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

इस कारण से होती है यहां की ईंटें मजबूत

फौजी ब्रेक्स इंडस्ट्रीज भट्ठा के मालिक दिनेश बलाना ने बताया कि 5000 साल पहले यहां पर जीबी क्षेत्र में सरस्वती नदी बहा करती थी और उसे समय मिट्टी का ताला इतना मजबूत होता था की मिट्टी बहुत चिकनी हो जाती थी। जिस कारण आज जब सरस्वती नदी विलुप्त हो गई, मिट्टी की अधिक चिकनाहट की वजह से इस मिट्टी से बनाई जाने वाले और इतनी मजबूत होती है, कि राजस्थान के लगभग सभी जिलों में यहां की ईंटों की मजबूती को देखते हुए अपने घरों के निर्माण में अनूपगढ़ क्षेत्र की ईंटों का प्रयोग किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि ईंटें अक्टूबर महीने से लेकर मई महीने तक बनाई जाती हैं और ईंट भट्टों की वजह से दूसरे प्रदेशों से आए हुए लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिल पाता है। इसी के साथ वर्तमान समय में प्रति 1 हजार ईंट का भाव 4000 रुपए है।

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