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उत्तर प्रदेश में आबादी के हिसाब से तय होगा दायरा, जमीनों को लेकर प्लानिंग बनाएगी योगी सरकार

UP News : उत्तर प्रदेश में बढ़ती आबादी को लेकर सरकार चिंतित है। प्रदेश में शहरों का दायरा नए सिरे से तय करने की योजना बनाई जा रही है। इसका जल्द ही परीक्षण होगा. 

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उत्तर प्रदेश में आबादी के हिसाब से तय होगा दायरा, जमीनों को लेकर प्लानिंग बनाएगी योगी सरकार

Uttar Pradseh News : उत्तर प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए शहरों का दायरा नए से तय करने का मसौदा तैयार किया जा रहा है। मास्टर प्लान में इसका परीक्षण किया जाएगा. नई कॉलोनी के लिए यह भी देखा जाएगा की कितनी जमीन विकास प्राधिकरण को देने से रास्ता साफ होगा। 

गांव को लेकर भी विशेष प्लान

गांव को लेकर भी विशेष प्लान किया जाएगा। देखा जाएगा की शहरी क्षेत्र के नजदीक लगने वाले गांव को आबादी का दर्जा दिया जाए. जिससे शहरी क्षेत्र के पास बनी कॉलोनी में रहने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। इन सभी पहलुओं पर परीक्षण के बाद मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा.

नया मास्टर प्लान साल 2030

उत्तर प्रदेश में मुख्य शहरों का मास्टर प्लान साल 2021 की आबादी को देखते हुए तैयार किया गया था। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में आबादी के हिसाब से दायरा अब छोटा पड़ने लगा है. मौजूदा समय में ज्यादातर विकास प्राधिकरण के पास आवासीय परियोजनाएं लाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है। उत्तर प्रदेश में नया मास्टर प्लान साल 2031 की आबादी के हिसाब से तैयार किया जा रहा है. नई मास्टर प्लान के तहत नए मास्टर प्लान में आवासीय, व्यवसायिक, उद्योग, पार्क, ग्रीन क्षेत्र, रीवर फ्रंट, बाजार, खेल का मैदान, एसटीपी के साथ ही बस स्टाप, ट्रांसपोर्ट नगर और नॉलेज सिटी के लिए जमीनें आरक्षित की जाएगी। 

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर आवास विभाग मास्टर प्लान में चिन्हित दायरे का नए सिरे से परीक्षण कर रहा है। आने वाले समय में आबादी के हिसाब से क्षेत्रफल कम ना पड़ जाए इसलिए अभी से जरूरत की सभी सुविधाओं विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा.

पार्क व ग्रीन क्षेत्र का नहीं बदलेगा भू-उपयोग

नए मास्टर प्लान में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि पार्क और ग्रीन क्षेत्र के लिए आरक्षित जमीन का उपयोग नहीं बदला जाएगा। भू-उपयोग केवल सरकारी योजनाओं के लिए जरूरत के आधार पर बदल जाएगा, इस शर्त पर कि उतनी ही जमीन दूसरे स्थान पर उपलब्ध होगी। वर्तमान में, पार्क और ग्रीन क्षेत्र की जमीन का भू-उपयोग बदलने का खेल चल रहा है। इससे ग्रीन क्षेत्रफल घटता जा रहा है। जिन शहरों के लिए आवास विभाग नया मास्टर प्लान जारी करेगा, उसके आधार पर निर्माण की अनुमति दी जाएगी। भू-उपयोग से इतर निर्माण करने का खेल भी काफी हद तक बंद हो जाएगा।
 

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