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Post office की इस स्कीम के बदल गए नियम, जानिए किसे होगा फायदा और नुकसान

जैसा कि आप जानते हैं, पोस्ट ऑफिस में हमें कई बचत योजनाएं मिल जाएंगी। हमारे फायदे के लिए पोस्ट ऑफिस लगातार नए कार्यक्रम बनाता रहता है। साथ ही, हम आपको बताने जा रहे हैं कि पोस्ट ऑफिस एससीएस में निकासी के नियम में बदलाव हुआ है। आपको अब दोगुना लाभ मिलेगा...

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The rules of this post office scheme have changed, know who will benefit and lose.

New Delhi : पोस्ट ऑफिस ने सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) में मैच्योरिटी से पहले निकासी के नियमों में बदलाव किया है। नए नियम आने के बाद निवेशकों को पहले से अधिक लाभ मिलेगा। 

क्या नया नियम है?

इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया कि नए नियम के तहत अब एससीएसएस निवेशक खाता खुलने से एक वर्ष पहले ही पैसे निकाल लेता है तो डिपॉजिट में से एक प्रतिशत की कटौती की जाएगी। इससे पहले, एससीएस निवेशक अपने निवेश के पहले ही वर्ष में पैसे निकाल लेता तो डिपॉजिट पर ब्याज नहीं मिलता था। उसके बाद अकाउंट होल्डर को बची पूरी रकम दी जाती थी। 

SCSS क्या है?

पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत स्कीम की तरह, सीनियर सिटीजन बचत स्कीम एक सरकारी निवेश योजना है। 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले किसी भी व्यक्ति इस स्कीम में निवेश कर सकता है। वहीं, वीआरएस और सुपरएनुएशेन लेने वाले 55 साल से कम और 60 साल से कम लोग भी SSC खाता खोल सकते हैं। वहीं, 50 वर्ष से अधिक उम्र का सैन्य सेवा से रिटायर व्यक्ति भी एससीएसएस में खाता खोल सकता है। 

इस स्कीम में कम से कम 1000 रुपये का निवेश किया जा सकता है। निवेश की अधिकतम राशि 30 लाख रुपये हो सकती है। पांच वर्ष तक खाता खोला जा सकता है। तीन वर्ष की आगे बढ़ाई जा सकती है। इस योजना की विशिष्टता यह है कि इसमें निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी का लाभ मिलता है। इसके जरिए 1.5 लाख रुपये की छूट मिल सकती है।  

SCSS में ब्याज:

SCSS पर सरकार 8.2 प्रतिशत का ब्याज देती है। ये अक्टूबर से दिसंबर तक चलेगा। SSC की ब्याज दर हर तिमाही सरकार द्वारा घोषित की जाती है।

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