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राजस्थान के इस शहर में बनेगी रिंग रोड, 30 से 35 किलोमीटर के बीच होगी लंबाई

Rajasthan Ring Road: राजस्थान में अब सड़क कनेक्टिविटी को लेकर गंभीर नज़र आ रही है. राजस्थान में अब बड़े शहरों और महानगरों की तर्ज पर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की दिशा में सरकार ने अहम कदम उठाया है. राजस्थान के किस शहर में पहली रिंग रोड की सौगात मिली है और इसकी डीपीआर जल्द बनाई जायगी.

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राजस्थान के इस शहर में बनेगी रिंग रोड, 30 से 35 किलोमीटर के बीच होगी लंबाई

Rajasthan  News : राजस्थान में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। पहली बार जालोर शहर को रिंग रोड की सौगात मिलने जा रही है। राज्य सरकार ने इस परियोजना को सैद्धांतिक और प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। अब डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके लिए 1 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से एक एजेंसी डीपीआर बनाएगी।

भविष्य में राजस्थान के जालोर शहर के निकट भी रिंग रोड बनाया जाएगा, जो बड़े शहरों, महानगरों और भारतमाला एक्सप्रेस-वे की तरह होगा। डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी, जिससे महत्वपूर्ण कार्य पूरा होगा। टैंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली है।

इसके बाद, परियोजना को पूरा करने के बाद, विभिन्न स्तरों पर क्वेरी, संशोधन और फिर कमियों को दूर करने के लिए काम किया जाएगा। Jalore के पास रिंग रोड का प्रस्ताव है। योजना की सैद्धांतिक और प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। प्रोजेक्ट डीपीआर प्रक्रिया अब शुरू होने वाली है।

रूट और अलाइनमेंट निर्धारित होंगे

प्रोजेक्ट की क्रियान्विति से पहले, धरातल या रूट विकल्पों की खोज की जाती है। डीपीआर में एजेंसी प्रोजेक्ट का डिजाइन, अलाइनमेंट और संभावित मार्ग प्रस्तुत करेगी। एजेंसी की ओर से उपलब्ध करवाए गए कार्यों में से विभागीय स्तर से एक आसान और आसान रास्ता निर्धारित करने की प्रक्रिया चलेगी। अंततः, विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ को चुना जाता है। बजट की घोषणा के बाद महत्वपूर्ण परियोजना को सैद्धांतिक और प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। 1 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से संस्थान डीपीआर बनाएगा। 

नेशनल हाईवे 325 से रिंग रोड की होगी कनेक्टिविटी

रिंग रोड, जो बिशनगढ़ से नेशनल हाईवे 325 शुरू होकर लेटा के पास नेशनल हाईवे 325 तक जाता है, विभागीय स्तर पर बेहतर विकल्प माना जाता है, हालांकि डीपीआर बनने के बाद ही परियोजना का कार्यान्वयन निर्धारित होगा। इस विकल्प में सांफाड़ा-कोलर फांटा, भागली, गोल निंबड़ी और लेटा से नेशनल हाईवे 325 से रिंग रोड की कनेक्टिविटी मिल सकती है। 30 से 35 किमी लंबी पूरी रिंग रोड हो सकती है।

भविष्य की योजना, ट्रेफिक रिलिफ

जालोर जिला मुख्यालय की जनसंख्या निरंतर बढ़ रही है। शहर का क्षेत्रफल बहुत बढ़ता जा रहा है। यह काम महत्वपूर्ण है और दूरगामी है। इस परियोजना की पूर्ति से जालोर के आसपास एक ट्रेफिक रिलिफ कोरिडोर बनाया जाएगा। शहरी यातायात सुधार होगा। ग्रेनाइट उद्योग सबसे अधिक लाभ उठाएगा। आबादी क्षेत्र में भारी कंटेडर, लोडर या टे्रलर को आने की जरूरत नहीं होगी। इस उद्देश्य से जोगेश्वर गर्ग, राज्य सरकार के मुख्य सचेतक, ने व्यक्तिगत स्तर पर परियोजना को राज्य सरकार से डिजायर किया था। जिस पर यह मंजूरी मिली।

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