home page

इस किस्म के आलू कि कीमत हैं सोने के बराबर, सिमित इलाकों में होती हैं इसकी खेती

हर कोई आलू की सब्जी खाना चाहता है। बता दे की इसे लगभग पूरे देश में खाया भी जाता है। यह खाद्य पदार्थ वर्ष भर आसानी से उपलब्ध भी होता है।
 | 
The price of this variety of potatoes is equal to gold, it is cultivated in limited areas.

Saral Saral : हर कोई आलू की सब्जी खाना चाहता है। बता दे की इसे लगभग पूरे देश में खाया भी जाता है। यह खाद्य पदार्थ वर्ष भर आसानी से उपलब्ध भी होता है। 20 से 30 रुपये प्रति किलो हमेशा इसकी कीमत रहती है। लेकिन भारत में आलू कभी-कभी 50 से 60 रुपये प्रति किलो भी हो सकता है। आलू महंगा होने से सरकार पर अधिक दबाव भी पड़ता है। वहीं, लोगों का खाने का खर्च भी अधिक होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक आलू की किस्म है जिसकी कीमत काफी ज्यादा है? आपको बता दे की एक किलो आलू खरीदने पर आपको हजारों रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

विशेष बात यह है कि इस आलू की किस्म का नाम बोनोटे है। यह सिर्फ फ्रांस में उत्पादित होता है। बता दे की इस किस्म के आलू की कीमत एक तोले सोने से भी अधिक है। यही कारण है कि आम भारतीय परिवार एक किलो आलू पर कई महीनों का भोजन खरीद सकता है। इसलिए इस आलू को सिर्फ अमीर लोग खाते हैं। क्योंकि गरीब व्यक्ति एक किलो आलू खरीदने के बजाय एक तोला सोना खरीद लेगा, जो बाद में उसे अच्छा लाभ देगा।

इसी कीमत

ले बोनोटे आलू इतना महंगा है क्योंकि यह सिर्फ फ्रांस के सिमित इलाकों में ही इसकी खेती की जाती है. एक किलो ले बोनोटे का मूल्य 50 हजार से 90 हजार रुपये के बीच होता है। इसका मतलब यह है कि इतने रुपये में आप भारत में बहुत सारे आलू खरीद सकते हैं। ऐसे में ले बोनोटे आलू बहुत अधिक स्वादिष्ट भी होता है। यह केवल अटलांटिक महासागर में स्थित फ्रांसीसी द्वीप नोइर्मौटियर पर खेती की जाती है। ले बोनोटे आलू हाथ से काटा जा सकता है।

नमक और मक्खन के साथ खाया जाता है

इसका उत्पादन अभी भी बहुत कम है और यह केवल मई और जून महीने में उपलब्ध होता है। अब तक, एक किलो ले बोनोटे आलू 90048 रुपये में खरीदा गया है। यही कारण है कि यह कैवियार या ट्रफल्स के मुकाबले अधिक महंगा है। माना जाता है कि बोनोटे आलू का अनूठा स्वाद इसका मूल्य बढ़ाता है। इसकी सब्जी आम आलू की तरह नहीं बनाई जाती। पहले ले बोनोटे आलू को पानी में उबालना चाहिए। बाद में मक्खन और नमक मिलाकर खाया जाता है।

पारंपरिक खेती

ले बोनोटे आलू की खेती केवल पारंपरिक तरीकों से की जाती है। यह रोपाई किसान अपने हाथों से करते हैं। यानि इसकी खेती में मशीन का उपयोग नहीं होता। यह आलू आम आलू से बहुत छोटा है। इसका छिलका भी बहुत छोटा है। यह काफी नरम भी होता है। इसलिए आप हाथों से भी इसे काट सकते हैं।

ये पढ़ें : 5 लाख में 15 लाख की कमाई, इन पांच सब्जियों से बदली किसान की ज़िंदगी

Latest News

Featured

You May Like