सरकार हर गली में खोलने जा रही यह दुकान, आप भी कर सकते है कमाई?
Saral Kisan - प्रधानमंत्री ने भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से संबोधित करते हुए जन औषधि केंद्र का भी ऐलान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार अब 10,000 से 25,000 जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाना चाहती है। जेनरिक दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने के साथ ही ये लोगों की आय का एक अच्छा साधन बन रहे हैं।
9,884 केंद्र नौ साल में खोले गए
जन औषधि केंद्रों ने देश की जनता को सस्ते दामों पर बीमारी के इलाज के लिए दवा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें शानदार प्रतिक्रिया हुई है। सरकार ने पहले 10,000 Jan Aushadhi Kendra बनाने का लक्ष्य रखा था, जो मार्च 2024 तक लगभग पूरा हो गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों संसद में भाषण देते हुए बताया कि 2014 में देश में महज 80 जन औषधि केंद्र थे, लेकिन मोदी सरकार के पिछले 9 साल के कार्यकाल में इनकी संख्या 9,884 हो गई है।
ये महत्वपूर्ण घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस पर बोलते हुए कहा, 'अगर किसी को डायबिटीज हो जाता है, तो उसे करीब 3,000 रुपये मासिक खर्च करना पड़ता है.' हम इन जन औषधि केंद्रों पर बीमारी के इलाज में उपयोग की जाने वाली दवाओं को 10 से 15 रुपये में बेच रहे हैं।पीएम ने कहा कि सरकार अब 10,000 जन औषधि केंद्रों से 25,000 करने की योजना बना रही है। ये सभी को सस्ती जेनेरिक दवाएं देने के लिए बनाए गए हैं।
हर गली में जन औषधि केंद्र होंगे
सरकार ने अपना पुराना लक्ष्य पहले ही पूरा कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले से डेढ़ गुना अधिक जन औषधि केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा है. इसलिए, देश की लगभग हर गली में जन औषधि केंद्र खुले हुए दिखाई देंगे। ये छोटे मेडिकल स्टोर की तरह हैं जो लोगों को सस्ती जेनेरिक दवाइयां देते हैं। इन केंद्रों को खोलने के लिए आपको आवेदन करने के दौरान कुछ शर्तें पूरा करनी होती हैं, जिसके बाद आप इन केंद्रों को खोलकर अच्छी कमाई करने के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।
जन औषधि केंद्र का उद्घाटन कौन कर सकता है?
Jan Aushadhi Kendra खोलने के लिए योग्य व्यक्ति: कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर। प्राइवेट हॉस्पिटल, ट्रस्ट, एनजीओ आदि दूसरी श्रेणी में आते हैं। तीसरी कैटेगरी में, राज्य सरकारों द्वारा नॉमिनेट की गई संस्थाओं को जन औषधि केंद्रों का निर्माण करने का अवसर मिलता है। ACSIT और दिव्यांगों को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना के तहत 50,000 रुपये तक की एडवांस की दवा दी जाती है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र दुकान का नाम है।
व्यवसाय शुरू करने के लिए लाइसेंस आवश्यक है
जन औषधि केंद्र शुरू करने से पहले आपको "रिटेल ड्रग सेल्स" का लाइसेंस लेना होगा। आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन डाउनलोड कर सकते हैं।कितनी आय होगी?जन औषधि केंद्रों में दवा की बिक्री पर २० प्रतिशत तक का कमीशन मिलता है। इसके अलावा, मासिक बिक्री पर 15 प्रतिशत का इंसेंटिव भी दिया जाता है। दुकान को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना के तहत फर्नीचर और अन्य सामान के लिए डेढ़ लाख रुपये की मदद मिलती है। बिलिंग के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर जैसे उपकरण खरीदने में भी सरकार मदद करती है।
आप 5,000 रुपये में आवेदन कर सकते हैं
आपको प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए 5,000 रुपये का शुल्क देना होगा। इन केंद्रों को खोलने के लिए आवेदक को डी. फार्मा या बी. फार्मा सर्टिफिकेट होना चाहिए। आपके पास सेंटर खोलने के लिए लगभग 120 वर्गफुट का क्षेत्र भी होना चाहिए। विशेष श्रेणी और क्षेत्र के आवेदनकर्ताओं को आवेदन प्रक्रिया के दौरान शुल्क में छूट भी दी गई है। केंद्र में आवेदन करने के लिए फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वैध मोबाइल नंबर और निवास प्रमाण पत्र आवश्यक हैं।
आवेदन बहुत सरल है
- Janaushadhi.gov.in नामक आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- Home Page पर मेन्यू में Apply For Kendra का ऑप्शन चुनें।
- नए पेज पर क्लिक करने के लिए Click Here To Apply ऑप्शन चुनें।
- अब लॉगिन फॉर्म खुलेगा. Register now विकल्प को नीचे चुनें।
- ऐसा करने पर आपकी स्क्रीन पर एक फॉर्म खुल जाएगा जिसे भरने के लिए आवश्यक विवरण भरें।
- इसके बाद आईडी-पासवर्ड सेक्शन में राज्य चुनें और कन्फर्म पासवर्ड दर्ज करें।
- इसके बाद आपको Terms and Conditions पर टिक करना होगा और फिर Save ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
- अब आपका PM जन औषधि केंद्र में ऑनलाइन आवेदन पूरा हो जाएगा।
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