देश का दूसरा प्राइवेट रेलवे स्टेशन जल्द बनकर हो जाएगा तैयार, यात्रियों को मिलेगी ये सुविधाएं

Angani Railway Station : देश और में इस समय बहुत से प्राइवेट रेलवे स्टेशन बनाए जा रहे हैं। देश का पहला रीडेवलप्ड प्राइवेट स्टेशन भोपाल का रानी कमलापती रेलवे स्टेशन था। जिसका निर्माण कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है और शुरुआत भी हो चुकी है। आज हम आपको नागपुर के सैटेलाइट स्टेशन के रूप में प्रयोग होने वाले सेंट्रल रेलवे के अंजनी स्टेशन के बारे में बताने वाले हैं। स्टेशन को बनाने का जिम्मा रेल भूमि विकास प्राधिकरण को सौंपा गया है।
चार महीने में कर लिया जाएगा पूरा
आरएलडीए की और से मिली जानकारी के अनुसार अंजनी रीडिवेलपमेंट प्रोडक्ट को तय सीमा से 4 महीने पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। स्टेशन पर ग्रीन बिल्डिंग का कॉन्सेप्ट रखा गया है और दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल सुविधा मुहैया कराई जाएगी। यह प्रोजेक्ट नए और आधुनिक डिजाइनों से लैस होगा। प्राधिकरण ने बताया कि स्टेशन पर यात्रियों को सर्वोत्तम सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। स्टेशन के पूर्वी और पश्चिमी दोनों किनारे पर निर्माण योजना के अनुसार कार्य प्रगति पर चल रहा है।
क्या मिलेगी सुविधाएं
अंजनी रेलवे स्टेशन को रोजाना करीबन 45000 यात्रियों के आवागमन को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। इस स्टेशन पर यात्रियों के लिए 10-10 मीटर चौड़े एफओबी बनाए जाएंगे। जो स्टेशन में आने जाने वाली लॉबी से जुड़े होंगे। इस एफओबी और रूफ प्लाजा से कॉनकोर्स के लिए एक्सीलेटर लिफ्ट और सीढ़ियों के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इसके साथ-साथ पश्चिम की ओर 3679 वर्ग मीटर सरफेस पार्किंग और सर्कुलेटिंग क्षेत्र के लिए और आवागमन प्लाजा में टैक्सी कारों और ऑटो की सुचारू आवाजाही के लिए सुविधा प्रदान की जाएगी।
बिल्डिंग निर्माण में आई तेजी
स्टेशन के इस साइड में बिल्डिंग बनाने के लिए डी टाइप क्वार्टर सहित मौजूद कई सुविधाओं को ध्वस्त किया गया है। आईसीसी फ्रेम युक्त स्ट्रक्चर G3 स्टेशन का निर्माण कार्य तीसरी मंजिल तक पहुंच चुका है। वही ब्लॉक करें और फिनिशिंग का कार्य भी प्रगति पर चल रहा है। टाइप डी क्वार्टर के दो टावरों का निर्माण किया जा चुका है और फिनिशिंग का काम चल रहा है।
पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
पीएम मोदी ने 11 दिसंबर 2022 को अजनी रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था। इस प्रोजेक्ट का एस्टिमेटेड कॉस्ट 359.82 करोड़ रुपये रखा गया है। उस समय इस परियोजना को 40 महीने में मतलब कि तीन साल चार महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। अब आरएलडीए ने बताया है कि इसे चार महीने पहले ही पूरा कर लिया जाएगा।