डेयरी फ़ार्मिंग के लिए भैंस की सबसे बढ़िया 5 नस्ल, हर वर्ष देगी 5 हज़ार लीटर दूध
Top 5 Breeds of Buffalo : देश में डेयरी फॉर्मिंग का बिजनेस करके बढ़िया आय कमाई जा सकती है। आज देश की एक बड़ी आबादी खेती के साथ-साथ गाय-भैंसों का पालन कर दूध और दूध से बने डेयरी प्रोडक्ट्स को बेचकर अच्छी आय ली जा रही हैं। इसके साथ साथ पशुओं का मूत्र और गोबर भी उनकी आय बढ़ा रहा है। देश की ग्रामीण आबादी दूध उत्पादन के लिए गाय-भैंस का मुख्य रूप से पालन करते हैं। इनमें केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उनकी मदद कर रही है।
आज हम पशुपालकों और किसान भाईयों के लिए भैंसों की टॉप 5 ऐसी नस्ल लेकर आए हैं, जो प्रति वर्ष 2,500 से 5,000 लीटर तक दूध दे सकती है। इन नस्ल की भैंस का देखरेख का लागत खर्च भी कम आता है और इनके दूध में वसा की मात्रा और अन्य पोषक तत्व भी अधिक पाए जाते हैं।
मुर्रा भैंस
मुर्रा नस्ली भैंस वजनदार और दिखने में सुंदर होती है। इस नस्ल की भैंस का वजन 800 से 1 हजार किलोग्राम होता है। मुर्रा नस्ल की भैंस 20-25 लीटर प्रतिदिन दूध दे सकती है। इस दूध की उत्पादन क्षमता को खानपान बेहतर कर बढ़ाया भी सकते है। मुर्रा नस्ल की भैंस मूल रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब के नाभा, पटियाला, दिल्ली और राजस्थान के कई जिलों में पाई जाती है।
Also Read: UP में इन 137 गावों की होगी चकबंदी, CM योगी का बड़ा फैसला, ग्रामीणों की हुई मौज
नीली रावी
नीली रावी नस्ली भैंस का मूल स्थान पंजाब की सतलज घाटी है। फिरोजपुर के ग्रामीण इलाकों में पाई जाने वाली इस नस्ल की भैंस सेहत की दृष्टि से काफी मजबूत होती है। भैंस के सिर का ऊपरी भाग उत्तल होता है, एक रेखा इसे दो भागों में बांटती है और इनका ललाट धंसा हुआ होता है और चेहरा सुंदर होता है। इस नस्ली भैंस के नथुने चौड़े-चौड़े होते हैं। नीली रावी भैंसें दुधारू होती है। एक ब्यांत में इनका औसत दुग्ध उत्पादन 2500 से 5000 किलोग्राम तक होता है।
भदावरी भैंस
भदावरी नस्ल की भैंस का शारीरिक आकार मध्यम, रंग ताबिया और शरीर पर बाल कम होते हैं। इस नस्ल की भैंस की टांगे छोटी तथा घुटने से नीचे का हिस्सा हल्के चीले सफेद रंग का होता है। सिर के अगले हिस्से पर आंखों के ऊपर वाला भाग सफेदी लिए हुए होता है। गर्दन के निचले भाग पर दो सफेद धारियां होती है। सींग तलवार के आकार का होता है। भदावरी भैसें एक ब्यांत (लगभग 300 दिन) में 1600 से 1800 किलोग्राम दूध उत्पादन देती है।
गोदावरी भैंस
गोदावरी भैंस की प्राप्ति दक्षिण भारतीय राज्य आंध्रप्रदेश से होती है। भैंस की इस नस्ल की रोग प्रतिरोधक क्षमता गजब की है। इस नस्ल की भैंस के शरीर का रंग हल्का भूरा, काला तथा सिलेटी होता है। इस नस्ल के दूध में अच्छा खासा फैट पाया जाता है। गोदावरी नस्ल प्रति ब्यात 1500 से 2000 लीटर तक दूध देती है।
जाफराबादी भैंस
जाफराबादी भैंस मूल से रूप से गुजरात के गिर के जंगलों में पायी जाती है। परंतु इस नस्ल की भैंस का पालन कच्छ व जामनगर जिले में अधिक होता है। भैंस की इस प्रजाति का सिर तथा गर्दन का आकार भारी होता है। जाफराबादी नस्ल की भैंस का औसत दुग्ध उत्पादन प्रति ब्यात 1500 से 1800 लीटर होता है।
ये पढ़े : उत्तर प्रदेश का यह गांव एशिया में सबसे पढ़ा-लिखा गांव है, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम दर्