9000 करोड़ की लागत से बन रहा है 23 KM लंबा एलिवेटेड रोड, 3.6 किलोमीटर लंबी देश की सबसे चौड़ी सुरंग
Dwarka Expressway: देश में पहली बार 8 लेन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है और जल्द ही आम लोगों के लिए खुल जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली में बन रहा द्वारका एक्सप्रेसवे लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही इस पर यातायात शुरू होगा। एक बार एक्सप्रेसवे चालू हो जाने पर द्वारका और गुरुग्राम के लोग लगभग 2 घंटे में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सोहना के रास्ते जयपुर तक यात्रा कर सकेंगे।
34 मीटर चौड़ा द्वारका एक्सप्रेसवे 9,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे को हरियाणा में 18.9 किमी और राष्ट्रीय राजधानी में 10.1 किमी को कवर करते हुए पिलर्स पर बनाया जा रहा है। इसके चालू होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे (NH48) पर दबाव कम हो जाएगा।
द्वारका एक्सप्रेसवे NH48 पर शिव मूर्ति से शुरू होगा और खेड़की दौला टोल प्लाजा पर समाप्त होगा। इस एक्सप्रेसवे में 4 लेवल रोड नेटवर्क, फ्लाईओवर, टनल, अंडरपास, ग्रेड रोड और एलिवेटेड रोड शामिल है। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 3-3 लेन की सर्विस रोड बनाई जा रही है। इसके अलावा, पूरे एक्सप्रेसवे पर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की सुविधा शामिल होगी।
इस एक्सप्रेसवे पर 3.6 किलोमीटर लंबी देश की सबसे चौड़ी 8-लेन सुरंग बनाई जा रही है। वहीं, 23 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड होगा। जिससे हरियाणा और पश्चिमी दिल्ली के बीच इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इस एक्सप्रेसवे का गुरुग्राम सेक्शन पर 99.3% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
यह एक्सप्रेसवे द्वारका के सेक्टर 25 में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को जोड़ेगा। यह हरसरू के पास पटौदी रोड (SH-26) और बसई के पास फरुखनगर (SH-15A) को क्रॉस करेगा और भरथल में गुरुग्राम सेक्टर-88 (B) और UER-2 के पास दिल्ली-रेवाड़ी रेल लाइन को भी क्रॉस करेगा। इसके अलावा गुरुग्राम सेक्टर 21 को सेक्टर 88, 83, 84, 99, 113 और द्वारका को ग्लोबल सिटी से भी जोड़ेगा।
एक्सप्रेसवे में पूरी तरह से स्वचालित टोलिंग प्रणाली होगी, जिसमें वाहन जीपीएस से जुड़े होंगे और दूरी की गणना के बाद टोल टैक्स सीधे बैंक खाते से काट लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया जा रहा है, जो एफिल टॉवर में उपयोग किए गए स्टील से 30 गुना ज्यादा है।
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल हो रहा है, जो बुर्ज खलीफा में इस्तेमाल हुए कंक्रीट से 6 गुना ज्यादा है। देश में पहली बार इस एक्सप्रेसवे पर 12,000 पेड़ों को लगाया गया है।
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