Tenant Landlord Dispute : सात दिन तक सीढ़ियों पर बैठा रहा मकान मालिक, घर किराए पर देने से पहले जान ले अधिकार
ये खबर आपके लिए है अगर आप घर किराए पर देने की सोच रहे हैं। किराए पर देने के बाद किराएदार अक्सर मकान ले लेता है। ऐसा ही मामला ग्रेटर नोएडा में हुआ है। जिसमें किराएदार ने घर छोड़ने से इनकार कर दिया। यही कारण था कि मकान मालिक को दस दिन तक सीढ़ियों पर बैठना पड़ा। आपके कानूनी अधिकारों को जानना महत्वपूर्ण है अगर आप भी चाहते हैं कि कोई आपके घर पर कब्जा न करे।
Property News : ग्रेटर नोएडा में एक किराएदार ने अपना कमरा खाली करने से इनकार कर दिया। बुजुर्ग दंपती ने आखिरकार अपने घर में घुसने के लिए सीढ़ियों पर दस दिन बिताए। सुनील कुमार दरअसल मुंबई में काम करते थे। रिटायर होने के बाद वे अपनी पत्नी राखी गुप्ता के साथ एक फ्लैट में नोएडा में रहने आए. किराएदार ने घर को खाली नहीं किया। एक महीने पहले रेंट एग्रीमेंट खत्म हो गया था। इसके बावजूद, वह अपनी जगह खाली नहीं कर पाए। फ्लैट के मालिक ने इस बारे में ट्वीट किया।
प्रश्न 1— किराए पर घर देते समय क्या देखना चाहिए?
जवाब— मकान मालिक को नीचे लिखी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
:11 महीने का भोजन अनुबंध
11 महीने के लिए रेंट एग्रीमेंट कराना अनिवार्य है।
उस रजिस्ट्रार या नोटरी के पास जाकर रजिस्ट्री कराना जरूरी है।
11 महीने के बाद किराएदार घर या दुकान को खाली करने से मना करता है। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप इस रेंट एग्रीमेंट को कोर्ट में दिखा सकते हैं।
अगर मकान मालिक 11 महीने के बाद भी पुराने किराएदार को रखना चाहता है, तो उसे हर साल किराया एग्रीमेंट रिन्यू करना होगा।
किराएदार की पुलिस जांच
Property Renting से पहले पुलिस की जांच होनी चाहिए।
व्यक्तिगत रूप से मकान मालिक को यह करना चाहिए।
पुलिस के पास एक किराएदार वेरिफिकेशन फॉर्म है।
इसे भरने के लिए किराएदार की फोटो और आधार कार्ड की कॉपी आवश्यक हैं।
किराएदार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड पुलिस वेरिफिकेशन से पता चलेगा।
पिछले घर मालिक से शिकायत
जब भी आप किसी किराएदार को अपना घर या दुकान देते हैं, तो अगर संभव हो तो किराएदार के पिछले मालिक से उसका रिकॉर्ड जरूर देखें।
इससे उसके व्यवहार से पता चलेगा कि वह किराया समय पर देता है या नहीं।
सवाल 2: कानून किराएदार से घर खाली करवाने पर क्या कहता है?
जवाब—2021 के मॉडल टेनेंसी अधिनियम की धारा 21 और 22 में बताया गया है कि एक किराएदार कब मकान मालिक से घर छोड़ सकता है। ऊपर दिए गए क्रिएटिव में भी इसका उल्लेख किया गया है। इसके लिए मकान मालिक को रेंट कोर्ट में बेदखली के लिए आवेदन देना होगा और संपत्ति के अधिग्रहण को वापस लेना होगा।
2021 का मॉडल व्यापार अधिनियम जून में लागू हुआ था। आप भी इसकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जानें..
किराएदार और घर मालिक के बीच लिखित रूप से एक रिर्टन होना चाहिए।
इस सौदे में किराएदार कब तक रहेगा, कितना किराया देगा और डिपोजिट की रकम कितनी दी गई है, सब कुछ शामिल होगा। रिकवरी के बाद कितने प्रतिशत पैसे बढ़ेंगे, इसका उल्लेख होगा।
इसमें घर या फ्लैट में रहने के सभी नियम लिखे होने चाहिए।
रेंट एग्रीमेंट को मॉडल टेनेंसी एक्ट के सेक्शन-5 के अनुसार एक निश्चित अवधि तक ही कानून के अधीन होगा।
किराया समाप्त होने के बाद मकान मालिक को फिर से उसी किरायादार को रखना होगा, तो उसे एक नया किरायापत्र बनाना होगा।
किराएदार को घर खाली करना होगा अगर एग्रीमेंट रिन्यू नहीं होता है।
किराएदार को अधिक किराया देना होगा अगर वह घर खाली करने में असमर्थ है या किसी कारण से नहीं कर पाया है।
सवाल 3: घर, फ्लैट या दुकान को किराएदार से कैसे खाली करवाया जा सकता है?
जवाब: इसके लिए कानून में कुछ उपाय हैं, जो निम्नलिखित हैं..।
किराएदार को लीगल नोटिस के माध्यम से पहले घर खाली करने की जानकारी दी जाए।
अगर वह नहीं माने तो पुलिस की सहायता लें।
अपना घर खाली करवाने के लिए रेंट कंट्रोल ऑथोरिटी में शिकायत कर सकता है।
तुरंत 100 नंबर डायल करें अगर किराएदार आपकी संपत्ति पर कब्जा कर लेता है।
सवाल 4: नोएडा के मामले में फ्लैट मालिक एक वरिष्ठ नागरिक थे, इसलिए कानून क्या कहता है?
जवाब—सीनियर सिटीजन अधिनियम के माध्यम से बुजुर्ग नागरिक अपनी संपत्ति से वहां कब्जा करने वाले को बेदखल करवा सकते हैं।
प्रश्न 5: क्या किराएदार को अपना घर खाली करने से मना किया जा सकता है?
जवाब—वो ऐसा बिलकुल नहीं कर सकता। हां, वह घर खाली करने को कहा जाए तो मना कर सकता है। उसे मकान मालिक को अपनी मजबूरी बतानी होगी। वह घर खाली करने के लिए समय देना चाहिए।
दूसरी ओर, किराएदार घर खाली करने से मना नहीं कर सकता अगर वह सही नहीं है या असामाजिक है।
प्रश्न 6: किराएदार घर खाली नहीं करता और घर मालिक से बुरा व्यवहार करता है तो मकान मालिक क्या करना चाहिए?
जवाब: पुलिस को फोन करें या सौ डायल करें। किराएदार भी मकान मालिक से गलत व्यवहार करने पर पुलिस से शिकायत कर सकता है।
ऐसा नहीं है कि मकान मालिक ही कानूनी अधिकार रखता है। ये अधिकार भी किराएदार के पास हैं..।
किराएदार को रेंट एग्रीमेंट में निर्धारित समय सीमा से पहले निकाला जा सकता है, यदि वह दो महीनों से अधिक समय तक किराया नहीं देता है या किराया प्रॉपर्टी का गैरकानूनी उपयोग करता है।
रेसिडेंशियल इमारतों में सिक्योरिटी को कम से कम दो महीने के लिए किराया दे सकते हैं। नॉन-रेसिडेंशियल स्थानों पर अधिकतम छह महीने का किराया
हर महीने किराया देने पर किराएदार को रसीद लेने का अधिकार है। अगर मकान मालिक किराएदार को समय से पहले निकालता है रसीद को कोर्ट में सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जा सकता है।
किराएदार हर समय बिजली और पानी ले सकता है। कानून कहता है कि हर व्यक्ति को बिजली और पानी की जरूरत है।
उसे घर या मकान खाली करवाने की सही वजह पता है।
अगर मकान मालिक अचानक किराया बढ़ा देता है या रेंट एग्रीमेंट में तय की गई शर्तों के अलावा कोई और शर्त उस पर थोपता है इसलिए वह कोर्ट में अपील कर सकता है।
किराएदार घर में नहीं होने पर मकान मालिक घर का ताला तोड़ नहीं सकता। वह भी सामान को बाहर फेंक नहीं सकता। ऐसा करने पर कानून का पालन किया जा सकता है।
किराएदार मकान मालिक से नहीं मिल सकता।
उसके सामान की जांच नहीं कर सकता।
किराएदारों और परिवार पर हर समय नजर नहीं रख सकता।