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उत्तर प्रदेश में इन बिजली मीटरों की जांच करेगा टेलीफोन विभाग, यह हैं वजह

Uttar Pradesh News - हाल ही में आए एक अपडेट के अनुसार, आपको स्मार्ट मीटर, उसमें लगे माडम आईओटी गेट-वे, ट्रैकिंग उपकरण, राउटर लाइन स्विच और फाइबर केबिल की जांच कराना अनिवार्य है। ऐसे में, इस अपडेट की पूरी जानकारी पाने के लिए खबर को पूरा पढ़ें। 

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Telephone department will check these electricity meters in Uttar Pradesh, this is the reason

UP News : बिजली के स्मार्ट मीटर को लेकर एक आश्चर्यजनक बात सामने आई है। मीटर भी लोगों की सेहत पर असर डाल सकते हैं। उर्जा मंत्रालय ने इसे लेकर एक जांच का आदेश दिया है। स्मार्ट मीटर सहित माडम आईओटी गेट-वे, ट्रैकिंग उपकरण, राउटर लाइन स्विच और फाइबर केबिल को जांच करना अनिवार्य है। लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यह जांच दूरसंचार विभाग करेगा। ऊर्जा मंत्रालय ने ऐसा आदेश दिया है।

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जनवरी 2024 से टेलीकाम नेटवर्किंग से संबंधित टेलीकाम उत्पादों की मैंडेटरी टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन की आवश्यकता होगी। भारत सरकार संचार मंत्रालय के सचिव डा. नीरज मित्तल ने केंद्रीय ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल को इस आशय का पत्र भेजा। ऊर्जा मंत्रालय के आईटी एवं साइबर सिक्योरिटी डिविजन ने इसे जारी किया है। लोगों को रेडियो फ्रीक्वेंसी उत्सर्जन के खतरों से बचाने के लिए यह जांच आवश्यक है। 

अब स्मार्ट मीटरों की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी-

इस आदेश के बाद यूपी में अब सभी बिजली कंपनियों को स्मार्ट मीटर में लगने वाले टेलीकाम उत्पादों की जांच करानी होगी। जांच होने से इन उत्पादों से निकलने वाली रेडियो उत्सर्जन तरंगों के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सकेगा। तय मानक के मुताबिक ही स्मार्ट मीटर तथा संबंधित टेलीकाम उपकरण लगाए जा सकेंगे।

तय मानक वाले उपकरण लगे होने पर ही सर्टिफिकेशन-

उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्रालय के इस आदेश को जनहित में उठाया गया कदम कहा है। उन्होंने कहा है कि परिषद इसकी मांग लंबे समय से कर रहा था क्योंकि स्मार्ट मीटर में मीटर निर्माता कंपनियां निम्न गुणवत्ता वाले चीन में बने चिप व माडम लगाकर उसकी सप्लाई कर रही हैं। जिससे सीधे तौर पर आम लोग प्रभावित हो रहे हैं।

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उन्होंने कहा है कि यूपी में आने वाले दिनों में तीन करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट प्रीपेट मीटर लगाए जाने हैं, यह आदेश समय की मांग भी थी। अब स्मार्ट मीटर तथा उसके साथ लगने वाले उपकरणों के तय मानक पर होने पर ही सर्टिफिकेशन मिल सकेगा।

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