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Supreme Court का ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर आया तगड़ा फैसला, लोगों को मिली राहत

Supreme Court -वाहन चालकों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने ड्राइविंग लाइसेंस  (driving license) पर सुनवाई की है। बीमा कंपनियों के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court order) का यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनका दावा खारिज करना मुश्किल होगा...। कोर्ट के फैसले पर अधिक जानकारी के लिए इस खबर को पूरा पढ़ें-

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Supreme Court का ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर आया तगड़ा फैसला, लोगों को मिली राहत 

Saral Kisan, Supreme Court - वाहन चालकों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने ड्राइविंग लाइसेंस (driving license) पर सुनवाई की है। 2017 में, कोर्ट ने पहले ही कहा था कि लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस धारक हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस धारकों को अधिक स्वतंत्रता मिलती है और वे 7500 किलोग्राम से कम वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहनों को चलाने के लिए अधिकृत हैं।

अदालत ने कहा कि कोई डेटा नहीं है जो बताता है कि LMV लाइसेंस धारकों ने सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि की है।

यह निर्णय पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में किया है। इस बेंच में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मिथल, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय भी शामिल थे। 21 अगस्त को बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

बीमा कंपनियों को नुकसान हुआ—

बीमा कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन दावों को खारिज करना मुश्किल होगा जो बिना ट्रांसपोर्ट लाइसेंस वाले ड्राइवर्स को दुर्घटनाओं में शामिल करते हैं। इससे बीमा कंपनियों पर दबाव बढ़ा है और बीमाधारकों को न्याय मिलने की संभावना भी बढ़ी है।

शीर्ष अदालत ने 2017 की अपील को बरकरार रखा है, जिसमें हल्के मोटर वाहन लाइसेंस धारकों को 7500 किलोग्राम तक वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने की अनुमति दी गई थी।

ट्रांसपोर्ट ड्राइवर का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट जांच कर रहा था कि हल्के मोटर वाहन (LMV) ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले व्यक्ति को उस लाइसेंस के आधार पर LMV चलाने का अधिकार है या नहीं।

बीमा कंपनियों और न्यायालयों के बीच एलएमवी लाइसेंस धारकों द्वारा चलाए जा रहे ट्रांसपोर्ट वाहनों में दुर्घटनाओं के मामलों में विवाद है। बीमा कंपनियों ने दावा किया है कि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MTC) ने उनके एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस (LMV) संबंधी आपत्तियों को अनदेखा कर दिया है, इसलिए उन्हें दावों का भुगतान करना पड़ा। इसने कानूनी जटिलताओं को बढ़ा दिया है।

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