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Supreme Court :बिना शादी पैदा हुए बच्चे को भी मिलेगा पैतृक संपत्ति में अधिकार

Ancestral Property : सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए बताया है की जो बच्चा बिना शादी के पैदा हुआ है  उसे भी शख्श की पैतृक संपत्ति पर इतना अधिकार मिलेगा
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Supreme Court: Children born out of wedlock will also get rights in ancestral property

SC court : सुप्रीम कोर्ट ने  साल 2011 की एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस याचिका में एक जटिल कानूनी मुद्दा उठाया गया था, जिसमें पूछा गया था कि बिना शादी के पैदा हुए बच्चे क्या हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अपने माता-पिता की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार होंगे या नहीं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका पर विभिन्न वकीलों की दलीलें सुनीं और फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

पैतृक संपत्ति में मिल सकता है हिस्सा

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस बात का भी फैसला करेगा कि क्या बिना शादी के पैदा हुए बच्चों का अधिकार, हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 16(3) के तहत सिर्फ अपने माता-पिता द्वारा अर्जित की गई संपत्ति पर ही होगा या फिर पूरी पैतृक संपत्ति पर भी उसका अधिकार होगा। 31 मार्च 2011 को दो जजों की पीठ ने इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया था।

'बदलते समाज में स्थिर कानून नहीं रख सकते'

कोर्ट ने कहा कि 'प्रावधान साफ हैं कि शून्य या निरस्तीकरण शादी से पैदा हुए बच्चे सिर्फ अपने माता-पिता की संपत्ति पर दावा कर सकते हैं।' हालांकि मौजूदा पीठ ने इस फैसले से असहमति जताई है कि बिना शादी के पैदा हुए बच्चे अपने माता-पिता की पैतृक संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि 'हर समाज में वैधता के नियम बदल रहे हैं। जो पूर्व में अवैध था हो सकता है वह आज वैध हो जाए। अवैधता की अवधारणा सामाजिक सहमति से पैदा होती है, जिसमें कई सामाजिक संगठन अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में बदलते हुए समाज में कानून स्थिर नहीं रह सकते।' हिंदू विवाह अधिनियम के तहत एक शून्य या अमान्य शादी में दोनों पक्षों को पति-पत्नी का दर्जा नहीं दिया जाता है। सिर्फ मान्य शादी में ही पति-पत्नी का दर्जा मिल सकता है।

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