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Success Story:पत्नी के गहने बेचकर शुरू किया गैराज, आज बना दी इतनी बड़ी कंपनी

फिल्म "ओम शांति ओम" का एक लोकप्रिय डायलॉग है, "अगर किसी चीज को बहुत चाहो तो पूरी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है।"वीएसएस मणि (VSS Mani) भी ऐसा ही हुआ था। मणि के पास न पैसा न बिजनेस का अनुभव था, सिर्फ जिद और साहस था।
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Success Story: Started garage by selling wife's jewellery, today made such a big company

दिल्ली: फिल्म "ओम शांति ओम" का एक लोकप्रिय डायलॉग है, "अगर किसी चीज को बहुत चाहो तो पूरी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है।"वीएसएस मणि (VSS Mani) भी ऐसा ही हुआ था। मणि के पास न पैसा न बिजनेस का अनुभव था, सिर्फ जिद और साहस था। यही उनकी शक्ति थी, जिसके कारण उन्होंने एक किराए के गैराज से भारतीय 'गूगल' बनाया। जब आप किसी का नंबर खोजना चाहते हैं, चाहे वह दुकान, मिस्त्री, इलेक्ट्रिशियन, रसोईया, रेस्टोरेंट या होटल हो, बस फोन पर एक नंबर डायल करें और पूरी सूची आपके सामने आ जाएगी। Mani ने डिजिटल निर्देशिका बनाई। सारी सुविधाएं आपके घर तक पहुंचाने के लिए बस एक नंबर डायल करें। उसकी कंपनी का नाम बच्चे-बच्चे के जुंबा पर लिखा गया था। यह कंपनी ऐसी थी कि देश के सबसे बड़े कारोबारी परिवार, अंबानी परिवार का भी दिल आ गया। आज कहानी उसी कंपनी Just Dial (जस्ट डायल) की है।

जस्ट डायल में किसका हाथ है?

VSS मणि तमिलनाडु में रहता था और उनकी परिवार मिडिल क्लास था। उन्होंने शुरूआती पढ़ाई के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में कॉमर्स में दाखिला लिया। इसके साथ चार्टेड अकाउंटेट की तैयारी भी शुरू हो गई। मणि ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और एक सेल्समैन बन गया क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। वह सेल्समैन बनने के बाद कई जगहों पर काम कर चुका था, लेकिन मणि का मन अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहता था। उसके पास न तो धन था न अनुभव था। 1989 में दोस्त के साथ मिलकर AskMe नामक कंपनी की शुरुआत की, लेकिन वह सफल नहीं हुई। मणि ने हार नहीं मानी और 1992 में वेडिंग प्लानर मैंग्जीन बन गई। (Free Wedding Planner) वे भी मैग्ज़ीन में असफल रहे। व्यवसाय में दो बार असफल होने के बाद उन्होंने फिर से काम करने का निर्णय लिया।

Justdial का विचार कैसे आया?

मणि ने जिस कंपनी में काम किया, वह येलो पेजेज़ और टेलीफोन डायरेक्टरी से जुड़ा था। यही कारण था कि उन्हें जस्ट डायल का विचार आया। मणि ने अपनी पत्नी का पूरा साथ प्राप्त किया। पत्नी ने अपने गहने उन्हें दे दिए क्योंकि उसके पास फंड के पैसे नहीं थे। उन्होंने कुछ FD से निकालकर किराए के एक गैरेज से जस्ट डायल शुरू किया। 1996 में टेलीफोन लिब्रेलाइज़ेशन कानून के बाद लैंडलाइन फोन लगाना आसान हो गया। लैंडलाइन्स की संख्या बढ़ी, जस्ट डायल भी बढ़ा। जस्ट डायल ने विक्रेता और ग्राहक को जोड़ा।

लोगों के मुंह में छा गया

Mani ने अपनी कंपनी को बढ़ाना शुरू किया। उन्होंने कांटेक्ट नंबर और विवरण के अलावा खाना खरीदने और टिकट बुकिंग को ऑनलाइन भी शुरू किया। व्यवसाय और मुनाफा दोनों बढ़ते चले गए। Just Dial का डॉटकॉम वर्जन 2000 में लॉन्च हुआ, जबकि Just Dial का वेब-बेस्ड वर्जन 2007 में लॉन्च हुआ। 2007 तक कंपनी का मूल्य चार हजार करोड़ रुपये था। कंपनी ने 2013 में अपना आईपीओ भी लॉन्च किया था। कंपनी का मूल्य छह हजार करोड़ हो गया। जस्ट डायल का विचार रिलायंस को बहुत अच्छा लगा, इसलिए 2021 में रिलायंस ने इसे खरीद लिया। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल ने जस्ट डायल को 3497 करोड़ रुपए में खरीद लिया। इस रकम में कंपनी ने 41 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की थी।

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