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Success Story : किसी समय उधार के पैसों से खरीदा था ट्रक, आज है हजारों गाड़ियों के मालिक

अगर आपमें कुछ करने की चाह है, तो कोई मंजिल दूर नहीं होती। इस सटीक बात को साकार करने में विजय संकेश्वर (Vijay Sankeshwar) को कोई शक नहीं है। वह वीआरएल लॉजिस्टिक्स (VRL Logistics) के मालिक हैं, जो देश की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक है
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Success Story: Had once bought a truck with borrowed money, today is the owner of thousands of vehicles.

नई दिल्ली : अगर आपमें कुछ करने की चाह है, तो कोई मंजिल दूर नहीं होती। इस सटीक बात को साकार करने में विजय संकेश्वर (Vijay Sankeshwar) को कोई शक नहीं है। वह वीआरएल लॉजिस्टिक्स (VRL Logistics) के मालिक हैं, जो देश की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक है।

उनकी सफलता की कहानी साल 1976 में एक ट्रक से शुरू हुई थी, जब वे पैसे उधार लेकर ट्रक से सामान ढोने का कारोबार शुरू किया था। लेकिन धैर्य, समर्पण और मेहनत के बाद आज उनके पास लगभग 5000 गाड़ियां हैं। इन्हें 'ट्रकिंग किंग' के नाम से भी जाना जाता है।

वीआरएल लॉजिस्टिक्स की यह सफलता कहीं भी आसान नहीं थी। इस जर्नी में कई परेशानियां भी आईं, परिवार से भी लड़ना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को पूरा किया। कभी उधार के पैसों से खरीदा ट्रक, आज है हजारों गाड़ियों के मालिक

उनकी कहानी पर एक फिल्म भी बनी है, जिसका नाम 'विजयानंद' है। इसमें उनकी सफलता के संघर्ष और सफलता की कहानी दिखाई गई है। इस फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया।

वीआरएल लॉजिस्टिक्स के शेयर बाजार में भी लिस्ट हैं, और उन्होंने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। बीते 5 साल में उन्होंने निवेशकों को 115.05% का रिटर्न दिया है। वे देश के बड़े अमीरों में शामिल हो गए हैं।

विजय संकेश्वर की इस सफलता की कहानी से यह साबित होता है कि सही मायने में मेहनत करने और संघर्ष करने से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनके जीवन से हम सबको प्रेरणा मिलती है कि हम भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें और कठिनाइयों का सामना करने से नहीं हिचकिचाएं।

 

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