Success Story : 15 परीक्षाओं में फेल होने के बाद भी किसान का बेटा बना ऑफिसर
Success Story: सफलता का मूल मंत्र मेहनत होती है। ये बातें मिन्डी गांव के रहने वाले श्योपालराम पर सटीक बैठती हैं। जिन्होंने लगातार 15 प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता पाई लेकिन फिर भी हार नहीं मानी। आखिरकार 16 वीं प्रतियोगी परीक्षा में जीत हासिल की। श्योपालराम ने लगातार 10 वर्ष की कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपने लक्ष्य को हासिल कर कृषि अनुसंधान अधिकारी का पद पाया।
श्योपालराम जाट की शिक्षा कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक सरकारी विद्यालय में हुई है। इनको कक्षा 12 तक शिक्षा प्राप्त करने के लिए तीन स्कूल बदलने पड़े। कक्षा 1 से 5 तक देधिया का वास राजकीय विद्यालय में और कक्षा 6 से 10 तक GSS Govt. विद्यालय मिंडा में हुई। कक्षा 11 व 12 की शिक्षा जोबनेर में हुई, वहीं इनका विषय एग्रीकल्चर रहा। वर्ष 2003 में जेट की परीक्षा दी और 2007 में BSC एग्रीकल्चर से बीकानेर में की, MSC 2009 में गुजरात के SDAU महाविद्यालय से की।
15 एग्जाम के बाद मिली सफलता
श्योपालराम बताते हैं कि साल 2007 से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनी शुरू कर दी। इस दौरान कृषि अधिकारी, सहायक कृषि अधिकारी और अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षा दी। अंत में 10 वर्ष तक कड़ी मेहनत के बाद दिसम्बर 2017 में कृषि अनुसंधान अधिकारी (शैष्य विज्ञान) के पद पर चयन हुआ। श्योपालराम के पिता मध्यम वर्गीय किसान हैं और अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं।
काम के साथ पढ़ाई जारी
श्योपालराम बताते हैं कि शिक्षा पूर्ण करने के बाद 1 वर्ष गुजरात में काम किया, उस दौरान एक प्रोजेक्ट SRF में काम किया। उसके बाद 2012 से 2015 तक काजरी जोधपुर में काम किया और 2015 से 2017 तक ICAR हेड ऑफिस अटारी में काम किया। लेकिन काम के दौरान प्रतिदिन 5 से 7 घंटा पढ़ाई को जारी रखा।
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