home page

Success Story:बिहार का किसान इन सभी सब्जियों से ले रहा हर तीसरे दिन 2 क्विंटल का उत्पादन, कमा रहा लाखों

किसान विजय बताते हैं कि जिस प्लॉट में उन्होंने नेनुआ लगाया हुआ है, उसी प्लॉट पर पहले उन्होंने स्ट्रॉबेरी लगाया था। स्ट्रॉबेरी का सीजन खत्म होने से पूर्व ही उन्होंने उसी बेड पर नेनुआ लगाया।
 | 
Success Story: Farmer of Bihar is producing 2 quintals every third day from all these vegetables, earning lakhs

Success Story: जिले के तुरकौलिया प्रखंड के मथुरापुर पंचायत अंतर्गत अमवा गांव के रहने वाले किसान विजय कुमार परंपरागत खेती से इतर नेनुआ की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। किसान बताते हैं कि उन्होंने अप्रैल में नेनुआ लगाया था। अभी बंपर उत्पादन दे रहा है। सितंबर लास्ट तक इसका उत्पादन होते रहने का अनुमान है। इतना ही नहीं, वे अपने प्लॉट पर प्रयोग के तौर पर अन्य तरह की सब्जियों की भी खेती करते रहते हैं। इससे पूर्व वे इसी प्लॉट पर स्ट्रॉबेरी की खेती करके जिले में सुर्खियां बटोर चुके हैं।

हर 3 से 4 दिन पर लगभग 2 क्विंटल उत्पादन

किसान विजय बताते हैं कि जिस प्लॉट में उन्होंने नेनुआ लगाया हुआ है, उसी प्लॉट पर पहले उन्होंने स्ट्रॉबेरी लगाया था। स्ट्रॉबेरी का सीजन खत्म होने से पूर्व ही उन्होंने उसी बेड पर नेनुआ लगाया। जिसमें उन्हें मात्र 1200 रुपए का खर्च आया।

हालांकि जो नए किसान इसकी खेती करेंगे, उन्हें बेड तैयार करने में इससे थोड़ा बहुत ज्यादा लागत लगेगा। किसान बताते हैं कि इस बार नेनुआ का काफी अच्छा उत्पादन हो रहा है। इस कारण हर 3 से 4 दिन में डेढ़ से दो एक क्विंटल तक उत्पादन हो रहा है।

प्रतिमाह 1000 का खर्च

किसान विजय कुमार बताते हैं कि सब्जी की खेती के दौरान थोड़ी मात्रा में कीटनाशक का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके अलावा खाद के रूप में वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करते हैं। किसान बताते हैं कि उन्हें इसकी खेती पर प्रतिमाह लगभग 1000 का खर्च आता है। वहीं, मुनाफा की बात करें तो उन्हें सीजन के शुरुआती दौर में 2000 से लेकर 2500 रुपए प्रति क्विंटल तक मार्केट रेट प्राप्त हुआ था।

हालांकि आजकल 1200 से लेकर 1300 रुपए प्रति क्विंटल का रेट मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी फसल को बेचने के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ता है। वह इसे स्थानीय मार्केट में ही बेचते हैं। इतना ही नहीं कई व्यापारी उनके घर से आकर ही सब्जी खरीद ले जाते हैं। जिससे उनका ट्रांसपोर्ट खर्च ना के बराबर होता है।

Also Read: UP के इस नए डिजिटल शहर में दिखेगी लंदन व सिंगापुर की झलक, 80 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहण

Latest News

Featured

You May Like