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इंदौर की यातायात व्यवस्था संभालेंगे विद्यार्थी, डॉक्टर, वकील, सरकारी विभागों में चलेगा नो हेलमेट-नो एंट्री अभियान

MP News : मध्य प्रदेश के इंदौर में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. बता दे कि शहर की यातायात व्यवस्था जनभागीदारी से सुधारने की कोशिश से खास अभियान चलाया जाएगा.

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MP के इंदौर की यातायात व्यवस्था संभालेंगे विद्यार्थी, डॉक्टर, वकील, समाजसेवी, सरकारी विभागों में नो हेलमेट-नो एंट्री अभियान चलेगा 

Madhya Pradesh News : नगर निगम जनभागीदारी यातायात सुधार अभियान शुरू करने जा रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि यातायात मित्र अभियान 5 अगस्त से शुरू हो रहा है। महाअभियान के तहत हर शनिवार और रविवार को 1000 से अधिक विद्यार्थी, डॉक्टर, वकील, समाजसेवी और बुद्धिजीवी शहर के चौराहों पर यातायात संभालेंगे। अभियान की शुरुआत बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स से की जाएगी।

 इससे पहले यातायात विशेषज्ञों, आरटीओ, यातायात पुलिस, नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी। इसमें प्रतिभागियों को यातायात नियमों के पालन की जानकारी दी जाएगी। महापौर, जिला कलेक्टर, आरटीओ और पुलिस कमिश्नर संयुक्त रूप से इस अभियान का नेतृत्व करेंगे।

जनता के साथ यातायात सुधार अभियान

1 - हर शनिवार और रविवार को शाम 5:30 बजे से 8:30 बजे तक 500 से 1000 डॉक्टर, वकील, विद्यार्थी और समाजसेवी यातायात संभालेंगे और लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देंगे।

2 - ट्रैफिक टॉक पर कई गतिविधियां होंगी। अभियान के तहत पूरे साल स्कूल-कॉलेजों में 48 सत्र आयोजित किए जाएंगे। विद्यार्थियों और समाजसेवियों से विचार-विमर्श कर यातायात सुधारने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।

3 - 1 साल में 24 बैठकें आयोजित की जाएंगी। टेक्सटाइल संगठन, मिल एसोसिएशन और लोहा संगठन जैसे समूहों के साथ मिलकर यातायात सुधार में उनकी भूमिका पर चर्चा की जाएगी।

4 - सरकारी विभागों में नो हेलमेट-नो एंट्री अभियान चलाया जाएगा। निजी संस्थानों में भी इसे लागू करेंगे। नियमों का उल्लंघन करने पर वेतन में कटौती हो सकती है।

5 - अभियान से जुड़ने वाले यातायात मित्रों और संगठनों के लिए हर 3 महीने में सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा।

यातायात सुधारने के तीन तरीके हैं। जिसमें सड़कों का चौड़ीकरण, पुलों का निर्माण और ट्रैफिक इंजीनियरिंग शामिल है। सबसे बड़ा सुधार जागरूकता से आ सकता है। इसलिए हम जनभागीदारी का मॉडल अपनाते हुए यह अभियान शुरू कर रहे हैं। नो हेलमेट अभियान और अच्छा काम करने वालों को सम्मानित करने से जुड़ी गतिविधियां भी होंगी। 
 

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