अजीबो गरीब:देश में एक ऐसी नदी जो बहती है उल्टी दिशा में, शिव का है वरदान
River of India that flows in the opposite direction: भारत में नदियों का माता के रूप में पूजा जाना एक प्राचीन परंपरा है। इनमें कुछ नदियां ऐसी हैं जिनका इतिहास अद्वितीय है। एक ऐसी नदी है जो अपने उद्गम स्थान से बाहर निकलते ही गायब हो जाती है और उसका अस्तित्व आजतक खोजा जा रहा है।
इसके साथ ही, एक नदी भी है जो हमेशा सूखी रहती है, और इसके बालू को हटाकर श्रद्धालु यहां आने वाले पूर्वजों का तर्पण करते हैं।
इसके बावजूद, इन सभी नदियों को जहां माता का दर्जा दिया जाता है, वहीं एक पुरुष नदी भी है, जिसका नाम ब्रह्मपुत्र नदी है। यह नदी पुरुष नदी के रूप में जानी जाती है।
इस नदी का उद्गम स्थान तिब्बत के हिमालय पर्वत से है और फिर यह भारतीय उपमहाद्वीप में बहती है। ब्रह्मपुत्र नदी का बहाव दक्षिण-पूर्व की ओर होता है और बांगलादेश के आसपास गंगा नदी के साथ मिल जाता है।
इसके बावजूद, इस नदी के बारे में कम ही जानकारी होती है, जब आप ब्रह्मपुत्र नदी के विपरीत स्थान के बारे में सोचते हैं। ब्रह्मपुत्र नदी की पूजा और महत्व केवल उसके बहाव क्षेत्रों में ही जाने जाते हैं, और उसके उपयाग के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती।
नर्मदा नदी भी भगवान शिव की पुत्री मानी जाती है और उसे भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। इस नदी का बहाव पूर्व से पश्चिम की ओर होता है और यह नर्मदा कानून क्षेत्र में गिरकर अरब सागर में मिलती है।
नर्मदा नदी के बारे में कही जाने वाली पौराणिक कथाएं इसके महत्व को और बढ़ाती हैं, और यह नदी हमेशा सूखी नहीं रहती है, बल्कि वह पानी की धारा के रूप में अलग-अलग स्थानों पर प्रकट होती है और लोग इसे पूजते हैं।
इसके बावजूद, यह नदी अपने उपमहाद्वीप की अप्राकृतिक दिशा के कारण कम जानी जाती है, लेकिन यह भारतीय संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है और इसे भगवान शिव के वरदान के रूप में माना जाता है।
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