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फसलों में शराब की स्प्रे करने से बढ़ता है उत्पादन, जानिए क्या कहते है कृषि वैज्ञानिक शराब के बारे में

किसानों का यह भी मानना है कि इससे पैदावार और बेहतर होती है। इसका फसल पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इन किसानों का कहना है कि फसल भी मनुष्य की तरह शराब का नशा करती है, जिसके कारण नशे का असर होने से फसल की पैदावार बढ़ जाती है।
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Spraying alcohol on crops increases production, know what agricultural scientists say about alcohol

New Farming Technique: एमपी के किसान फसलों में अधिक पैदावार को लेकर अजब गजब तरीके अपनाते हैं। हाल ही में ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल के दोगुने उत्पादन के लिए किसानों ने देसी शराब का इस्तेमाल किया। यहां के किसानों का दावा है कि मूंग की फसल को देसी शराब पिलाने से पैदावार 2 गुना तक बढ़ जाती है।

इतना ही नहीं, किसानों का यह भी मानना है कि इससे पैदावार और बेहतर होती है। इसका फसल पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। इन किसानों का कहना है कि फसल भी मनुष्य की तरह शराब का नशा करती है, जिसके कारण नशे का असर होने से फसल की पैदावार बढ़ जाती है।

जानकारी के मुताबिक, किसानों के अनुसार, शराब का नशा फसलों को खोखला करने की बजाय पैदावार दोगुनी कर देता है। उनका कहना है कि शराब के नशे से पैदावार को बढ़ाया जा रहा है। नर्मदापुरम ही नहीं, बल्कि प्रदेश भर में किसान धीरे-धीरे इस नई तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं।

दुर्गंध से कीड़े मर जाते हैं

किसानों द्वारा अपने दलहन फसलों में शराब का छिड़काव करने का तरीका बहुत ही आसान होता है। किसानों ने बताया कि देसी शराब को स्प्रे करने वाले पंप में पानी के साथ में मिलाया जाता है। इसके बाद फसलों पर छिड़काव कर दिया जाता है। बताया कि शराब के छिड़काव से हमारे शरीर पर कोई नुकसान नहीं होता है, जबकि कीटनाशक छिड़कने पर उसकी दुर्गंध से बीमार तक हो जाते हैं। साथ ही किसानों का मानना है कि फसलों में शराब का छिड़काव करने से खर्च भी काम आता है।

दवा से दारू अच्छी!

किसान पंकज पाल बताते हैं कि मूंग में उत्पादन बढ़ाने के लिए दवा डाली जाती है, लेकिन उससे आधी से भी कम कीमत शराब के छिड़काव पर खर्च होती है। प्रति एकड़ 500ml शराब डाली जाती है। 20 लीटर पानी में लगभग 100 ml के हिसाब से शराब मिलाई जाती है। किसानों का मानना है कि फसल उत्पादन के लिए दवा से दारू बेहतर है।

कृषि वैज्ञानिक ने कहा, गलत है यह काम

वहीं वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक केके मिश्रा ने बताया कि ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में शराब का छिड़काव करना अनावश्यक है। इससे फसल को किसी भी प्रकार का कोई फायदा नहीं है। हां, अगर कीटनाशक के साथ शराब मिलाकर सिंचाई की जा रही है, तो उससे साइड इफेक्ट हो सकता है, जिसके कारण फसल को नुकसान हो सकता है। हम किसानों से यही अपील करते हैं कि फसल में शराब का छिड़काव ना करें।

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