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इस देश में तंबाकू बेचने पर हैं बैन, करने वालों को लगता हैं 80 लाख तक का जुर्माना

यदि कोई पूछे कि दुनिया में कौन सा देश सिगरेट की बिक्री पर सबसे पहले प्रतिबंध लगाया था, तो आपको शायद इस बात पर अधिक विचार करना पड़े। वहीं, यह पूछना भी मुश्किल हो सकता है कि किस देश ने नई पीढ़ी को तंबाकू से बचाने के लिए कड़े कानून बनाए हैं।
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There is a ban on selling tobacco in this country, those who do so face a fine of up to Rs 80 lakh.

Saral Kisan : यदि कोई पूछे कि दुनिया में कौन सा देश सिगरेट की बिक्री पर सबसे पहले प्रतिबंध लगाया था, तो आपको शायद इस बात पर अधिक विचार करना पड़े। वहीं, यह पूछना भी मुश्किल हो सकता है कि किस देश ने नई पीढ़ी को तंबाकू से बचाने के लिए कड़े कानून बनाए हैं। हालाँकि सामान्य ज्ञान के लिए भी हमें ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी चाहिए और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी। 2010 में, भारत का दोस्त और पड़ोसी भूटान ने सिगरेट की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया। यहां स्मोकिंग के खिलाफ कानूनों के अलावा लोग जागरूक हैं। तंबाकू का उपयोग करते हुए गिरफ्तार किया जाना सीधे जेल में डाल देगा।

किस देश में युवाओं को तंबाकू पीना वर्जित है?

2022 के दिसंबर में, न्यूजीलैंड ने इतिहास रचने वाला कानून बनाया जिसमें जनवरी 2009 के बाद जन्मे किसी भी किशोर को तंबाकू उत्पाद नहीं बेचा जा सकेगा। विक्रेता गिरफ्तार होने पर डेढ़ लाख न्यूजीलैंडी डॉलर, या लगभग 96 हजार अमेरिकी डॉलर का जुर्माना देना होगा। भारतीय रुपये में बात करें तो ऐसा करीब आठ सौ लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। 2023 में यह कानून लागू हो गया। सरकार का लक्ष्य है कि तंबाकू उत्पादों में निकोटीन की मात्रा कम कर दी जाएगी। न्यूजीलैंड में 90% तंबाकू दुकानों के लाइसेंस इस साल के अंत तक निरस्त हो जाएंगे। देश में छह हजार दुकानें हैं, जिन्हें दिसंबर तक छह सौ तक बढ़ाना है।

न्यूजीलैंड की गिनती दुनिया के कम स्मोकिंग वाले देश में होती है लेकिन अब जो लक्ष्य न्यूजीलैंड ने अपने लिए तय किया है, उसके मुताबिक 2025 तक यह देश स्मोकिंग फ्री हो जाएगा. क्योंकि अभी भी देश में स्मोकिंग करने वालों की तादाद बहुत कम है. ब्रिटेन ने भी साल 2030 तक धूम्रपान मुक्त होने का लक्ष्य रखा है. कनाडा और स्वीडन भी इसे कम करने को संकल्पित हैं.

भारत में धूम्रपान एवं तंबाकू को लेकर तीन कानून-

एक- भारत में तंबाकू नियंत्रण कानून, सिगरेट एक्ट 1975 में लागू हुआ जो विज्ञापन एवं सिगरेट के पैकेटों पर वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनी को अनिवार्य करता है.

दो- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने साल 2007-08 में नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया था.

तीन- इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध विधेयक 2019 में लागू हुआ. इसके तहत उत्पादन, निर्यात-आयात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण तथा विज्ञापन पर रोक लगी हुई है.

धूम्रपान से जुड़े कुछ जरूरी तथ्य जान लेते हैं.

सिगरेट की पहली कश के साथ धुएं के साथ निकोटिन खून में घुलता है औ तेजी से दिमाग में आनंद का एहसास करने वाला रसायन डोपोमीन रीलीज होता है. और आदमी धीरे-धीरे इसका शिकार होने लगता है.

धूंआ, टार, कॉर्बन मोनोऑक्साइड गले में खराश पैदा करता है. यही कारण है कि सिगरेट पीने वालों को सुबह-सुबह कफ की शिकायत होती है.

शरीर में मौजूद करोड़ों छिद्रों की मदद से हमारे फेफड़े हर दिन बड़ी मात्रा में हवा फ़िल्टर करते हैं लेकिन धुएं में उपलब्ध टार इनमें से तमाम छेद बंद कर देते हैं.

पहली सिगरेट पीने के साथ ही इंसान का दिल हर मिनट तीन बार ज्यादा धड़कता है. आमतौर पर इसे एक मिनट में 72 बार धड़कना चाहिए. ज्यादा धड़कने का मतलब जल्दी थकान लगेगी.

धूम्रपान से पेट में एसिड बढ़ जाता है. आंतों में मौजूद अच्छे वैक्टीरिया पर इसका बुरा असर पड़ता है.

कान और नाक में भी पड़ना शुरू होता है निगेटिव असर

तंबाकू से दुनिया में 80 लाख मौतें हर साल हो रही हैं, इनमें 10 लाख से ज्यादा ऐसे लोग दुनिया छोड़ रहे हैं जो केवल धूम्रपान वालों की संगत में रहते हैं.

दुनिया के कुल धूम्रपान करने वालों में 11 फीसदी से ज्यादा भारत में हैं.
दुनिया में होने वाली कुल मौतों में 50 फीसदी से ज्यादा चीन,भारत, अमेरिका और रूस में हैं.

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