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PM E-Bus Seva के तहत 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों के लिए 57,613 करोड़ रुपये होंगे खर्च

What is PM e-bus seva : सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप मे प्रयोग करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम ई-बस सेवा योजना को मंजूरी दी है. योजना के अंतर्गत देशभर में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ने वाली है.
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Rs 57,613 crore will be spent for 10 thousand electric buses under PM E-Bus Seva.

Saral Kisan : देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए केंद्र सरकार प्रोत्साहित कर रही है. सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप मे प्रयोग करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम ई-बस सेवा योजना को मंजूरी दी है. योजना के अंतर्गत देशभर में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ने वाली है, इसके लिए 57,613 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला है. वहीं, ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशिएटिव के अंतर्गत देशभर में रैपिड बस ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ बाइक शेयरिंग और साइकिल लेन भी बनेगी.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पीएम ई-बस सेवा को मंजूर किया गया है. उन्होंने कहा कि इस योजना पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च होंगे. देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी.

केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों पर ब्रीफिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएम ई-बस सेवा योजना के लिए खर्च होने वाले 57,613 करोड़ रुपए में से 20,000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देने वाली है. यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों में चलाई जाएगी. इस योजना के अंतर्गत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन होगा.

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि पीएम ई-बस सेवा योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए चुनौती पद्धति के आधार पर 100 शहरों का चयन होगा. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से कार्बन उत्सर्जन में कमी आने वाली है.

वहीं, वातावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. बता दें कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक समेत कई राज्यों में सार्वजनिक परिवहन सेवा में पहले से इलेक्ट्रिक बसे चल रही है.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशिएटिव के अंतर्गत रैपिड बस ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ बाइक शेयरिंग और साइकिल लेन भी बनेगी. नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड, इंटेलिजेंट ट्रांजिट प्रबंधन प्रणाली और मल्टीमॉडल इन्टरचेंज सुविधाएं भी होंगी शामिल.

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