उत्तर प्रदेश के सात शहरों में टाउनशिप बनाने का रास्ता साफ, जमीन अधिग्रहण के लिए 1000 करोड़ जारी
UP News : यूपी के इन सात शहरों में टाउनशिप बनाने का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही इन शहरों के प्राधिकरणों को भूमि अधिग्रहण के लिए 1,000 करोड़ रुपये देने पर सहमति बन गई है।
उत्तर प्रदेश : बुलंदशहर सहित प्रदेश के सात शहरों में नई टाउनशिप बसाने का रास्ता जल्द साफ होने जा रहा है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण व नए शहर प्रोत्साहन योजना से इन शहरों के प्राधिकरणों को भूमि अधिग्रहण के लिए 1,000 करोड़ रुपये देने पर सहमति बन गई है। इससे संबंधित प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट की मंजूरी दिलाने की तैयारी है। चरणबद्ध तरीके से इन्हें 4,777.50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/ नए शहर प्रोत्साहन योजना को गत दिनों मंजूरी दी थी। इसमें नई टाउनशिप के विकास या पूर्व विकसित टाउनशिप के विस्तारीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा भूमि अर्जन लागत में आने वाले खर्च का 50 प्रतिशत तक सीड कैपिटल के रूप में 20 वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। बाकी राशि संबंधित आवास विकास परिषद, विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण स्वयं वहन करेंगे। योजना के अंतर्गत प्रदेश के नौ प्राधिकरणों-बुलंदशहर, मेरठ, बरेली, झांसी, गोरखपुर, चित्रकूट, अलीगढ़, आगरा और कानपुर ने आवेदन किया था।
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शासन के आवास विभाग की स्वीकृति एवं निगरानी समिति ने इनमें से मेरठ व कानपुर को छोड़ते हुए बाकी सात प्राधिकरणों को राशि आवंटित किए जाने की संस्तुति कर दी है। इन दोनों शहरों के प्रस्ताव कसौटी पर खरे नहीं उतरे। कैबिनेट की मंजूरी के बाद राशि संबंधित प्राधिकरणों को जारी कर दी जाएगी। इसके बाद नई टाउनशिप के विकास की योजना आगे बढ़ सकेगी।
ये प्राधिकरण पाएंगे मदद सीड कैपिटल की राशि प्रथम किस्त
गोरखपुर विकास प्राधिकरण 3000 400
चित्रकूट विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण 12.50 10
अलीगढ़ विकास प्राधिकरण 350 150
आगरा विकास प्राधिकरण 375 150
बुलंदशहर विकास प्राधिकरण 170 100
बरेली विकास प्राधिकरण 680 100
झांसी विकास प्राधिकरण 190 90
नोट- राशि करोड़ रुपये में है।
वित्त वर्ष 2022-23 में 4,000 करोड़, 1,000 करोड़ ही बंटेगा-
नए शहरों के समग्र एवं समुचित विकास के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के अनुपूरक बजट में 4000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। इसमें गोरखपुर को 3000 करोड़, चित्रकूट को 11 करोड़, अलीगढ़, आगरा व कानपुर को 200-200 करोड़, बुलंदशहर, बरेली व घंसी को 100-100 करोड़ तथा मेरठ को 89 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रस्ताव था। मगर, वित्त वर्ष 2023-24 में इन नौ प्राधिकरणों को सिर्फ 1000 करोड़ रुपये जारी करने पर सहमति बनी। जब इन नौ प्राधिकरणों के प्रस्तावों का परीक्षण हुआ तो सिर्फ सात के प्रस्ताव ही कसौटी पर उतरे। 1000 करोड़ रुपये में इनकी हिस्सेदारी तय कर दी गई है।
2023-24 में 3000 करोड़ की व्यवस्था-
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नए शहर प्रोत्साहन योजना के लिए 3000 करोड़ की व्यवस्था की गई है। 2022-23 में प्राप्त प्रस्तावों पर कार्यवाही के बाद, इसके उपयोग की कार्यवाही भी आगे बढ़ने की संभावना है।
इसलिए आई योजना-
विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद भूमि अर्जन की लागत में वृद्धि के कारण नई आवासीय योजनाओं के लिए जमीन की खरीद नहीं कर पा रहे हैं। भूमि अर्जन की पूरी लागत आवासीय योजना पर डालने से भूखंडों की कीमत बहुत बढ़ जा रही है, जिससे इनके बिकने की संभावना समाप्त हो जा रही है। ऐसी योजनाएं अलाभकारी हो जाती हैं। इस समस्या से समाधान के लिए सरकार यह योजना लेकर आई है।
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