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Road Infrastructure : केंद्र सरकार ने नाप ली 1,46,000 किलोमीटर सड़क, हाईवे पर नहीं दिखेगा एक भी गड्ढा

Road Infrastructure : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार देश के सभी हाईवे को गड्ढा मुक्त बनाने की तैयारी में है। इसके अलावा, सरकार सड़कों के निर्माण को लेकर एक ऐसी नीति पर काम कर रही है, जिसमें ठेकेदार सड़क बनाकर सिर्फ चलते नहीं बनेंगे बल्कि उन्हें कई वर्षों तक उसका रखरखाव करना होगा...

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Road Infrastructure: Central government measured 1,46,000 kilometers of road, not a single pothole will be seen on the highway

Saral Kisan, Highway : देश के कुछ हिस्सों में हाईवे पर ट्रैवल करने के दौरान गड्ढे और उबड़-खाबड़ रास्तों के चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, साथ ही जाम जैसे हालात भी बन जाते हैं. लेकिन, आने वाले दिनों में यह सूरत पूरी तरह से बदल जाएगी, क्योंकि केंद्र सरकार देश के सभी हाईवे को गड्ढा मुक्त बनाने की तैयारी में है.

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नेशनल हाईवे को गड्ढा-मुक्त कर दिया जाएगा. इसके अलावा, सरकार सड़कों के निर्माण को लेकर एक ऐसी नीति पर काम कर रही है, जिसमें ठेकेदार सड़क बनाकर सिर्फ चलते नहीं बनेंगे बल्कि उन्हें कई वर्षों तक उसका रखरखाव करना होगा.

रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर बनाने की दिशा में सरकार देश में अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे और हाइवे तैयार कर रही है. इसके साथ ही केंद्र सरकार पहले से बने हाइवे को भी बेहतर बनाने की कोशिश में लगी हुई है. इस साल के अंत तक राष्ट्रीय राजमार्गों को गड्ढा-मुक्त करने की नीति पर काम कर रही है. इसके साथ ही सड़कों का निर्माण BOT माध्यम से करने को भी प्राथमिकता दी जा रही है.

ठेकेदारों की बढ़ेगी टेंशन!

इस साल दिसंबर के आखिरी तक नेशनल हाईवे को गड्ढों से मुक्त करने के लक्ष्य के साथ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय परफॉर्मेंस बेस्ड मेंटनेंस और शॉर्ट टर्म मेंटनेंस कॉन्ट्रेक्ट्स को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है.

आमतौर पर सड़कों का निर्माण तीन तरह से किया जाता है. इनमें ‘बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर’ (BOT) के अलावा इंजीनियरिंग, EPS और हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘ईपीसी माध्यम से बनाई जाने वाली सड़कों के रखरखाव की जरूरत काफी पहले पड़ने लगती है. वहीं बीओटी माध्यम से सड़कें बेहतर बनती हैं क्योंकि ठेकेदार भी जानता है कि उसे अगले 15-20 वर्षों तक रखरखाव की लागत वहन करनी होगी इसलिए हमने बड़े पैमाने पर BOT माध्यम से ही सड़कें बनाने का फैसला किया है.’’

बीओटी प्रोजेक्ट्स में निजी साझेदार 20-30 वर्षों की अवधि में परियोजनाओं के वित्तपोषण, निर्माण और संचालन का जिम्मा उठाते हैं. फिर वे राजमार्ग का इस्तेमाल करने वालों से शुल्क या टोल के जरिये अपने निवेश की वसूली करते हैं.

नेशनल हाईवे की सेफ्टी का ऑडिट

नितिन गडकरी ने कहा कि बारिश की वजह से नेशनल हाईवे को नुकसान होने और गड्ढे बनने की आशंका को देखते हुए मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों की सेफ्टी का ऑडिट कर रहा है. गडकरी ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए एक नीति बनाई जा रही है कि राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढों से मुक्त हों. इस परियोजना को सफल बनाने के लिए युवा इंजीनियरों को साथ लिया जाएगा.’’

इस मौके पर सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मंत्रालय ने 1,46,000 किलोमीटर लंबे समूचे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की मैपिंग कर ली है और इस साल दिसंबर तक गड्ढों को हटाने के लिए प्रदर्शन-आधारित रखरखाव और अल्पकालिक रखरखाव अनुबंधों को सशक्त बनाया जा रहा है.

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