उत्तर प्रदेश के इस जिले को रफ्तार देगी रिंग रोड, हाईवे से इन जिलों की लगी लॉटरी

Uttar Pradesh : शहर की भीड़भाड़ से गुजरने वाले वाहनों को अब जाम नहीं लगेगा। मेरठ में हाईवे बनाए जा रहे हैं, दिल्ली रोड से जुड़ी सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है, लेकिन शहर से बाहर निकलने वालों के लिए बाहर का रिंग रोड बनाया जाएगा।
पांच नेशनल हाईवे से जुड़ा मेरठ
मेरठ के आसपास हाईवे नेटवर्क का तेजी से विकास कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। ये सड़कें, जो आउटर रिंग रोड की तरह काम करेंगी, शहर के अंदर से गुजरना आसान बनाएंगी और यातायात को आसान बनाएंगी। शहर को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, एनएच-235, एनएच-58, एनएच-119 और एनएच-709ए से जोड़ा जाता है। इन परियोजनाओं पर 992 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का होगा, विस्तार
सिसौली से हापुड़ रोड की सड़क लगभग छह किलोमीटर लंबी होगी। यह डंपिंग ग्राउंड से जुड़ेगा, जिससे हापुड़, बुलंदशहर और मुरादाबाद जैसे शहरों में आवाजाही आसान होगी। नरहेड़ा एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण का निर्माण कार्य पूरी तरह से शुरू हो गया है। दिल्ली और मेरठ के बीच सीधा संपर्क बनाने के लिए मिट्टी भरकर और समतल करने का काम चल रहा है।
इनर रिंग रोड की योजना
सिसौली से भावनपुर तक 12.028 किलोमीटर लंबी राजमार्ग बनाया जा रहा है। 992 करोड़ रुपये की इस परियोजना का लक्ष्य फरवरी 2025 तक पूरा होना है। गंगानगर में 17 करोड़ रुपये की लागत से 45 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जा रही है जो किला रोड से मवाना रोड को जोड़ती है। इससे शहर पर यातायात का दबाव कम हो जाएगा।
दिल्ली रोड से मार्गों का चौड़ीकरण
यह सड़क परतापुर से चांदसारा और फफूंडा होते हुए 7.52 किलोमीटर लंबी है। जबकि अन्य परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार हो चुकी है, शासन ने इसके लिए 14 करोड़ रुपये जारी किए हैं। परतापुर और मोदीपुरम में स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (एसडीए) और ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) क्षेत्रों का निर्माण किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में शोरूम, कार्यालय, होटल और घर बनने की योजनाएं शामिल हैं।
मिश्रित भू उपयोग और महायोजना
महायोजना में रैपिड कॉरिडोर को मिश्रित भू उपयोग के तहत शामिल किया गया है। 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में रियल एस्टेट, उद्योग, व्यापार और आवासीय परियोजनाओं को विकसित करने के लिए ड्रोन मैपिंग और सर्वे कार्य पूरा हो चुका है।