उत्तरप्रदेश में 27 गांवों की जमीन लेकर बनेगा रिंग रोड, ट्रैफिक जाम से मिलेगी शहर को राहत

लंबे समय से विचाराधीन थी
इस रिंग रोड की योजना लंबे समय से विचाराधीन थी, लेकिन अब इसे हरी झंडी मिल चुकी है। परियोजना का उद्देश्य शहर के भीतर से गुजरने वाले भारी वाहनों को शहर की सीमा के बाहर से घुमाना है, ताकि शहर के अंदर ट्रैफिक का दबाव कम हो सके। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि प्रदूषण में भी कमी आएगी। रिंग रोड के लिए जिन गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, उनमें कई बड़े और छोटे गांव शामिल हैं। किसानों को उनकी जमीन के एवज में मुआवजा मिलेगा, जिसकी दर बाज़ार मूल्य से बेहतर तय की जा रही है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर भी मिल सकते हैं।
निष्पक्ष बनाने में जुटे हैं
परियोजना के तहत सड़क चौड़ीकरण, इंटरचेंज, फ्लाईओवर और अंडरपास जैसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा, जिससे यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। रिंग रोड के बनने से आज़मगढ़ को लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर जैसे शहरों से जोड़ने वाली कनेक्टिविटी भी और मज़बूत होगी। स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग मिलकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने में जुटे हैं। किसानों को समय पर उचित मुआवजा देने की योजना बनाई गई है। यह रिंग रोड परियोजना न केवल यातायात व्यवस्था को सुधारने वाली है, बल्कि यह आज़मगढ़ के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।