Reserve Bank of India : कटे-फटे और अधिक पुराने नोटों के साथ क्या करता है RBI, लगभग को नहीं मालूम
Reserve Bank of India : बाजार में हमेशा एक नोट होता है। तुम किसी से एक नोट लेते हो और उसे किसी दूसरे को देते हो। इसके बाद अगला आदमी भी इसे दूसरे को देता है। इसी तरह नोट बाजार में घूमते रहते हैं, जिससे वे कभी फट जाते हैं, कभी पुराने हो जाते हैं, और उनका कागज भी अजीब हो जाता है। ये बाद में चलने योग्य नहीं रह पाते।
क्या आप जानते हैं कि जब यह नोट बहुत खराब हो जाता है, तो इसका क्या होता है? साथ ही आप इन खराब नोटों को नष्ट करने और उन्हें चलन से बाहर करने की प्रक्रिया भी जानेंगे.. पुराने नोटों को जानते हैं..
बेकार हुए नोट कहां मिलते हैं?
नोटों का जीवनकाल उनके छापने के समय निर्धारित होता है, जिससे वे आसानी से चलन में रह सकते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इन नोटों को फिर से अपने पास रखता है जब ये अवधि खत्म हो जाती है या फिर प्रचलन की वजह से नोट खराब हो जाते हैं। नोट वापस आने के बाद बैंक इन्हें अपने पास रखता है।
कौन नोट छापता है?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भारत में नए सिक्के छापने का अधिकार है। भारत सरकार एक रुपये के नोट छापती है, लेकिन आरबीआई सभी नोट छापता है। विशेष बात यह है कि आरबीआई 10 हजार रुपये तक के नोट छाप सकता है, लेकिन इससे बड़े नोट छापने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी।
कितने नोट छापने की आवश्यकता का निर्धारण कौन करता है?
आरबीआई पहले कई नियमों को ध्यान में रखते हुए कितने नोट छापने की जरूरत है, फिर सरकार से स्वीकृति मिलती है। फिर अंतिम निर्णय लेने से पहले सरकार भी आरबीआई से अनुमति लेती है। वैसे, सरकार ही अंतिम निर्णय लेती है।
कब नोट छापे जाते हैं?
ऐसा नहीं है कि देश में गरीबी को कम करने के लिए हर बार नए नोट छाप दिए जाएं। यद्यपि सरकार को नोट छापने का अधिकार है, लेकिन ऐसा नहीं है कि कितने नोट छाप दिए जाएं। ऐसा करने से अर्थव्यवस्था बर्बाद होगी। इससे वहां की करेंसी की कीमत बहुत कम हो जाती है और महंगाई भी बढ़ जाती है।
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