राजस्थान में कचरा बीनने वालों को मिलेगी खास सुविधाएं, बनाए जाएंगे पहचान पत्र
Rajasthan Rag Pickers : शहर में कचरा बीनने वाले रैगपिकर्स की अब पहचान की जाएगी। इनके पहचान पत्र बनाकर इन्हें कई तरह के लाभ दिए जाएंगे। इनकी प्रोफाइलिंग के लिए नगर निगम क्षेत्रों में शिविर लगाए जाएंगे। इनका सत्यापन भी किया जाएगा। इस संबंध में डीएलबी निदेशक सुरेश कुमार ओला ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं।
इसमें सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में काम करने वाले अनौपचारिक कचरा बीनने वालों को नमस्ते योजना के तहत सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रेटर नगर निगम को इस संबंध में आदेश मिले हैं। निगम जल्द ही राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार योजना बनाकर इस पर काम शुरू करेगा।
इससे पहले सीवरेज और सेप्टिक सफाई कर्मचारियों की सफाई कार्य के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नगरीय निकाय स्तर पर केंद्र सरकार की नमस्ते योजना पर काम किया गया था। इसके तहत सीवर और सेफ्टी संबंधी स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र का मशीनीकरण, श्रमिकों का प्रशिक्षण, पीपीई किट और स्वास्थ्य बीमा जेसी सुविधा दी गई है।
प्रदेश में 2280 सीवर कर्मचारी चिह्नित किए गए
इस योजना के तहत राज्य के 222 नगरीय निकायों में प्रोफाइलिंग कैंपों में 2 हजार 280 सीवर और सेप्टिक सफाई श्रमिकों की पहचान और सत्यापन किया गया है। अब इस योजना के तहत सत्यापित श्रमिकों के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं से जोड़ा जाना प्रस्तावित है।
ये मिलेंगे लाभ
कचरा बीनने वालों की प्रोफाइलिंग और आईडी कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे।
व्यावसायिक खतरों और सुरक्षित संचालन पर व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
मौसम और आवश्यकता के अनुसार पीपीई किट वितरित किए जाएंगे।
आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत स्वास्थ्य बीमा कवरेज होगा।
कचरा बीनने वालों और उनके स्वयं सहायता समूहों को सूखा कचरा संग्रहण केंद्रों के लिए कचरा संग्रहण वाहनों के लिए 5 लाख रुपये तक की पूंजी सब्सिडी मिलेगी।
योजना जल्द होगी लागू
आयुक्त, ग्रेटर नगर निगम रुक्मणी रियाड़ ने बताया हमें आदेश मिल गए हैं। हम इसे जल्द से जल्द पूरा कर लागू करने की योजना बना रहे हैं। राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इस पर काम किया जाएगा।