राजस्थान में कर्मचारी चयन बोर्ड को मिली राहत, विभाग खुद करवाएगा दस्तावेज सत्यापन
Rajasthan News : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से विधानसभा में की गई घोषणा से बड़ी राहत मिली है। कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे बोर्ड को अब दस्तावेज सत्यापन का काम नहीं करना पड़ेगा। भर्ती से संबंधित विभाग को दस्तावेज सत्यापन की जिम्मेदारी देने का सरकार का फैसला काफी सराहनीय है। इससे बोर्ड को राहत मिली है।
Rajasthan Staff Selection Commission : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से विधानसभा में की गई घोषणा से बड़ी राहत मिली है। कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे बोर्ड को अब दस्तावेज सत्यापन का काम नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने घोषणा की है कि जिस विभाग में भर्ती होगी, वहीं दस्तावेज सत्यापन और पात्रता जांच करेगा। यह काम कैसे होगा? इस बारे में अभी स्थिति स्पष्ट होनी बाकी है। कार्मिक विभाग की ओर से इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाने हैं। दिशा-निर्देश जारी होने के बाद ही पता चलेगा कि विभागों को दस्तावेज सत्यापन कब करना होगा और क्या यह प्रक्रियाधीन भर्तियों पर लागू होगा या नई भर्तियों पर नया प्रावधान लागू होगा।
इस से बोर्ड को कई स्तरों पर बड़ी राहत
बोर्ड अगर अलग-अलग भर्तियों का परिणाम एक साथ जारी करता है तो संबंधित विभाग जब दस्तावेज सत्यापन का काम करेंगे तो सभी भर्तियों का दस्तावेज सत्यापन एक साथ हो सकेगा। अन्यथा अभी तक बोर्ड एक बार में एक ही भर्ती का दस्तावेज सत्यापन का काम करता था। इससे काम में तेजी आएगी। इसके साथ ही पात्रता और भर्ती नियम तय करने की जिम्मेदारी भी विभाग की होती है। ऐसे में जब विभाग खुद ही दस्तावेज सत्यापन और पात्रता जांच करेगा तो इस काम में पारदर्शिता आएगी और अपात्र लोग बाहर हो जाएंगे। चयन की कोई संभावना नहीं रहेगी। अब बोर्ड का काम परिणाम जारी करना होगा। अब उसके कर्मचारी इस काम में लगेंगे। बोर्ड का कहना है कि संबंधित विभाग से पात्र अभ्यर्थियों की सूची मिलते ही हम तुरंत अंतिम परिणाम घोषित कर सकेंगे।
सात भर्तियों में दस्तावेज सत्यापन
फिलहाल बोर्ड को सात भर्तियों सूचना सहायक भर्ती, जीएनएम, एएनएम, सीएचओ, कृषि पर्यवेक्षक, कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार व संगणक भर्ती के लिए 40 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापित करने हैं। सभी भर्तियों में कुल 20515 पद हैं। बोर्ड के पास स्टाफ की कमी है। अगर बोर्ड इन भर्तियों में दस्तावेज सत्यापन का काम अपने स्तर पर करता है तो इसमें 10 महीने से ज्यादा का समय लग सकता है। इसके बाद सरकार ने अब सभी भर्तियों में दस्तावेज सत्यापन की जिम्मेदारी विभागों को दे दी है। बोर्ड ने जीएनएम भर्ती के लिए ऑनलाइन दस्तावेज सत्यापन का काम शुरू कर दिया है।
भर्ती से संबंधित विभाग को दस्तावेज सत्यापन की जिम्मेदारी देने का सरकार का फैसला काफी सराहनीय है। इससे बोर्ड को राहत मिली है। साथ ही दस्तावेज सत्यापन का काम जल्दी और पारदर्शी तरीके से हो सकेगा। इससे युवाओं को जल्द से जल्द सरकारी नौकरी भी मिल सकेगी। अब कार्मिक विभाग से पूरी गाइडलाइन जारी होने के बाद ही पता चलेगा कि यह काम कैसे होगा।