Rajasthan रोडवेज यात्रियों को लगने वाला है बडा झटका, दिल्ली-NCR में आज से नहीं चलेंगी ये बसें
Rajasthan Roadways News: आपको हैरानी होगी कि राज्य के रोडवेज यात्रियों को नए साल शुरू होते ही बड़ा झटका देने की तैयारी में हैं। दरअसल, दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि ये रोडवेज बसें अब दिल्ली में नहीं चलेंगे...
Rajasthan Roadways : राजस्थान रोडवेज एक महत्वपूर्ण खबर दे रहा है। 1 जनवरी 2024 से राजस्थान रोडवेज की 32 पुरानी बसें दिल्ली और NCR क्षेत्र में नहीं चलेगी। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण इसकी सबसे बड़ी वजह है। राजस्थान रोडवेज के सामने अब एक बड़ी चुनौती है कि NCR और दिल्ली की ओर जाने वाले रोडवेज यात्रियों के लिए क्या विकल्प होंगे। रोडवेज विभाग इन दिनों इसी समस्या को हल करने में लग गया है। अब वाहनों पर एयर कंडीशन कंट्रोल सेंटर होगा
देश की राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) हर साल खतरनाक प्रदूषण का सामना करते हैं। यह प्रदूषण कम करने के लिए कई वैकल्पिक उपाय किए गए हैं, लेकिन कोई भी पूरी तरह से सफल नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार ने भी सड़कों पर ऑड-ईवन का प्रयास किया था, लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ। 1 जनवरी से दिल्ली और NCR में प्रदूषण को कम करने के लिए अब एक नया निर्णय लिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली और NCR क्षेत्र में पुराने वाहनों का प्रवेश वर्जित होगा। तकनीकी रूप से, दिल्ली में प्रवेश के लिए केवल इलेक्ट्रिक, CNG और B6 इंजन वाले वाहन होंगे।
108 रोडवेज बसें NCR और दिल्ली की ओर जाती हैं—
राजस्थान रोडवेज के एमडी नथमल डिडेल ने कहा कि राजस्थान रोडवेज विभाग नई बसों को जल्दी से खरीदना चाहता है। अनुबंध पर बसों की खरीद अंतिम चरण में है। पहले B6 इंजन वाली बसें खरीदी गईं। फिलहाल, राजस्थान रोडवेज की 108 बसें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और दिल्ली की ओर जाती हैं। इन बसों में 76 बसें B6 इंजन वाली हैं। लेकिन रोडवेज विभाग अभी भी 32 बसों को बचाने के लिए कई उपायों पर विचार कर रहा है।
B6 इंजन वाली 32 बसों को राज्य के अन्य डिपो से भेजा जाएगा।
रोडवेज विभाग 32 ऐसी बसों को प्रदेश के दूसरे डिपो से बदल देगा जहां B6 ईंजिन बसें हैं, जब तक नई बसें नहीं मिल जाती। यानि 108 बसों का कोटा दिल्ली और एनसीआर की ओर जाएगा, लेकिन प्रदेश में पुरानी बसों को चलाया जाएगा। आसान शब्दों में, जिस प्रदूषण से NCR और दिल्ली को बचाया जाएगा, वह अब राजस्थान में फैलेगा। रोडवेज बेड़े में नई बसें शामिल करना ही इस समस्या का स्थायी समाधान होगा।
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