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राजस्थान में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीकरण सिस्टम में हुआ बदलाव, अब सुबह शाम बदलेंगे पासवर्ड

Rajsthan News : राजस्थान में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा मैं बड़ा बदलाव किया गया है. जन्म मृत्यु पंजीकरण सिस्टम बदल दिया गया है. 

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राजस्थान में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीकरण सिस्टम में हुआ बदलाव, अब सुबह शाम बदलेंगे पासवर्ड

Kota News : राजस्थान के कोटा शहर की उत्तम नगर निगम में पीछे की तारीख के जन्म प्रमाण पत्र बनाने का बड़ा खुलासा हुआ है. इसको लेकर जांच कमेटी गठित कर दी गई है. जांच कमेटी को कहा गया है कि इस मामले की गंभीर तरह से छानबीन की जाए.

कलेक्टर डॉ. रवींद्र गोस्वामी ने एडीएम सिटी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई है, जब उत्तर नगर निगम में बैकडेट में जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है। यह जांच करके कमेटी को रिपोर्ट देगा। कलेक्टर ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मामला था और किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जांच कमेटी को गहन जांच करके रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है।

जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा 

जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा की प्रणाली में भी परिवर्तन हुआ। पोर्टल पर लॉगिन करने के लिए पासवर्ड दो बार सुबह और शाम बदले जाएंगे। वहीं, डिजिटल हस्ताक्षर से पहले किसी भी दस्तावेज को दो बार चेक करना होगा। ताकि किसी भी गड़बड़ी पर जिम्मेदारी निर्धारित की जा सके, संबंधित कंप्यूटर ऑपरेटरों के हस्ताक्षर भी आवश्यक होंगे। प्रमाण तो अफसरों ने बैकडेट नगर निगम में जाली जन्म प्रमाण पत्र बनाने की भी पुष्टि की। एक ही रजिस्ट्रेशन पर कई सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। 

पुराने बर्थ सर्टिफिकेट

2014 में ऑनलाइन से पहले निगम के पुराने बर्थ सर्टिफिकेट, यानी 111015080 रजिस्ट्रेशन नंबर से रजना कुमारी का सर्टिफिकेट बनाया गया है। लेकिन 2009 में कौशल बैरवा का सर्टिफिकेट इसी संख्या से ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है। यह महत्वपूर्ण है कि 2009 के रजिस्ट्रेशन क्रमांक की श्रृंखला में आगे 109 है, जबकि 2011 के रजिस्ट्रेशन क्रमांक 111 के आगे है। यही नहीं, 2011 में इसी रजिस्ट्रेशन नंबर से मनोज कुमार नाम से सर्टिफिकेट बनाकर ऑनलाइन पोर्टल पर एक ड्राफ्ट सेव है, जो अभी नहीं जारी किया गया है।

कलेक्टर ने एडीएम सिटी कृष्णा शुक्ला की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई। इसमें सांख्यिकी विभाग के संयुक्त निदेशक और दोनों नगर निगमों के आयुक्त शामिल हैं। कमेटी को निर्देश दिए गए हैं कि वे भास्कर में प्रकाशित खबर के आधार पर एक्शन टेकन रिपोर्ट बनाकर दें और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव भी दें।

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