राजस्थान में नहर परियोजना के जरिए 882 गांवों में पहुंचेगा पानी, खाका हो रहा तैयार
Rajasthan News : राजस्थान के कई इलाकों को नहर परियोजना के तहत नहर का पानी मिलाने वाला है. सिंचाई के मामले में राजस्थान में पानी की काफी कमी रहती है. राजस्थान में नहर परियोजना के माध्यम से 822 गांवो के लोगों के प्यास बुझाने की तैयारी तेज कर दी गई है. इस परियोजना का पानी राजस्थान के कई इलाकों से होकर गुजरने वाला है. जिन इलाकों में पानी लाना आसान नहीं होगा वहां विवाह की तरफ से टनल के माध्यम से पानी लाया जाएगा.

Parvati-Kalisindh-Chambal Eastern Rajasthan Canal Project: राजस्थान में नहर आधारित जल आपूर्ति और सिंचाई परियोजनाओं में महत्वपूर्ण अपडेट सामने आई है। यह राज्य लंबे समय से जल संकट और अपर्याप्त सिंचाई सुविधाओं का सामना करता रहा है, खासकर थार और मरुस्थलीय क्षेत्रों में। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक व्यापक नहर परियोजना की योजना तैयार की है, जिससे 822 गांवों में जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। PKC-ERCP (पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) के माध्यम से अलवर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की प्यास बुझाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
अलवर जिले के 16 ब्लॉकों में पहुंचेगा पानी
पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCPके माध्यम से 822 गांवों के लोगों की प्यास बुझाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। परियोजना के दौरान अलवर, खैरथल-तिजारा और कोटपूतली-बहरोड़ के गांवों को दो स्थानों से जलापूर्ति मिलेगी। पानी भरतपुर से 200 किलोमीटर की दूरी तय करके पुराने अलवर जिले के 16 ब्लॉकों में पहुंचेगा। भरतपुर के पानी के लिए 5,372 करोड़ रुपए के टेंडर बनाए गए हैं। 2 व 3 जून को निविदा मिलेगी। जांच पूरी होने पर अक्टूबर महीने में काम शुरू होने की संभावना है। विभाग ने इस कार्य को पूरा करने के लिए तीन वर्ष का समय दिया है। वहीं, 9 ब्लॉकों में पानी खुर्रा-चैनपुरा (करौली) से नहर से मिलेगा। नवंबर तक काम शुरू होने की उम्मीद है। इसका पानी 150 किलोमीटर की दूरी से यहां पहुंच जाएगा। यह चार साल में पूरा हो जाएगा।
पानी नहरों और टनलों से मिलेगा
परियोजना का पानी कई जगहों से आएगा। यह पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे मुश्किल है। जहां नहर के जरिए पानी लाना मुश्किल है, विभाग टनल बनाएगा। बताया जा रहा है कि पहाड़ों ने नहर को बाधा डाली है। टनल का खाका वहाँ बनाया जा रहा है। निर्माण के बाद नहर में पानी छोड़कर जांचा जाएगा।
7 ब्लॉकों के गांवों को फायदा होगा
भरतपुर से चंबल का पानी अलवर के सात ब्लॉकों (बहरोड़, किशनगढ़बास, कोटकासिम, मुंडावर, नीमराणा, रामगढ़, तिजारा) में रहने वाले 882 गांवों को मिलेगा। चंबल नहर केवल पीने का पानी ले जाएगा। चैनपुरा की नहर से पीने और खेती के लिए पानी मिलेगा। विभाग कई तैयारियों में जुटा हुआ है, जिसमें गांवों में टंकियों का निर्माण शामिल है।
चंबल परियोजना(भरतपुर) की दूरी- 200 किलोमीटर हैं। अलवर को चंबल परियोजना के जरिए 9 ब्लॉकों के 882 गांवों को लाभ मिलेगा। अक्टूबर तक इसका काम शुरू हो जाएगा।
अलवर से खुर्रा–चैनपुरा (करौली) तक: लगभग 150 किलोमीटर की दूरी
धमरेड़ बांध से नटनी के बारां तक: लगभग 45–50 किलोमीटर
नटनी के बारां से जयसमंद बांध तक: लगभग 12 किलोमीटर
नटनी के बारां से रूपारेल और घाट बांध तक: लगभग 40 किलोमीटर