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Rajasthan : बाड़मेर ऋषिकेश ट्रेन का संचालन हो रहा है एलएचबी कोच से, स्लीपर कोच घटने से यात्री हो रहे परेशान

Rajasthan News :बाड़मेर से ऋषिकेश के बीच संचालित ट्रेन को सीआईएसएफ से एलएचबी कोच में परिवर्तित कर संचालित किया गया था। लेकिन अब स्लीपर कोच घटाकर मात्र चार कर दिए जाने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। बाड़मेर से ऋषिकेश के बीच मात्र एक ट्रेन संचालित है जो हरिद्वार जाती है।
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Rajasthan : बाड़मेर ऋषिकेश ट्रेन का संचालन हो रहा है एलएचबी कोच से, स्लीपर कोच घटने से यात्री हो रहे परेशान

Rajasthan News : बाड़मेर से ऋषिकेश के बीच संचालित ट्रेन को सीआईएसएफ से एलएचबी कोच में परिवर्तित कर संचालित किया गया था। लेकिन अब स्लीपर कोच घटाकर मात्र चार कर दिए जाने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। बाड़मेर से ऋषिकेश के बीच मात्र एक ट्रेन संचालित है जो हरिद्वार जाती है। प्रत्येक हिंदू की मृत्यु के बाद उसके परिजन अस्थियां विसर्जित करने के लिए हरिद्वार ले जाते हैं। पहले अंबाला में आधे कोच काटकर कालका और आधे हरिद्वार जाते थे। लेकिन अब ट्रेन संपर्क समाप्त होने से ट्रेन सीधे ऋषिकेश जाती है। लेकिन कोच कम कर दिए गए 

बाड़मेर से ऋषिकेश ट्रेन को 16 जून से एलएचबी कोच से संचालित किया गया था। लेकिन इस ट्रेन में सात एसी, चार स्लीपर, आगे एक महिला कोच, चार जनरल, दो गार्ड कोच सहित मात्र 17 कोच हैं।

ऐसे में स्लीपर की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है।  यात्री कमल नागर, कैलाश चंद शर्मा, रतनलाल, रामेश्वर गहलोत, रतन सिंह आदि ने बताया कि दिन-प्रतिदिन स्लीपर की संख्या कम होने से यात्रियों को कन्फर्म सीट नहीं मिल पाती। जबकि बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जैसलमेर आदि जिलों के लिए हरिद्वार ट्रेन ही है। वहीं भावनगर-हरिद्वार साप्ताहिक ट्रेन का मेड़ता रोड में ठहराव नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है।

एक्सट्रा संस्पेशन पर काम करते हैं कोच

रेलवे के जानकार बताते है कि आईसीएफ कोच के सस्पेंशन से 70 डेसीबल की आवाज आती है। लेकिन एलएचबी कोच में 60 डेसीबल तक की आवाज होती है। नए एलएचबी कोच में डबल सस्पेंशन है। इसमें बीच वाले सस्पेंशन में हाइड्रोलिक होता है। साथ ही एक्स्ट्रा सस्पेंशन भी दिया गया है।

बढ़ जाएगी स्पीड

नए एलएचबी कोच से ट्रेनों की स्पीड काफी बढ़ जाएगी। यह स्पीड करीब 160 किमी प्रतिघंटे तक हो सकेगी। जबकि आईसीएफ कोच में अधिकतम स्पीड 100 के आसपास ही रहती है। जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता है। अब नए कोच से सफर सुरक्षित होने के साथ गंतव्य तक समय पर पहुंचा जा सकेगा।

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