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Delhi के पास रेलवे पहाड़ों में पहली बार बनाएगा जुड़वां सुरंग, 4.7 KM होगी लंबाई

Delhi News : कहा जा रहा है कि हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों के बीच रेलवे की ट्विन टनल यानी जुड़वां सुरंग का काम जल्द शुरू होने जा रहा है। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन इस 4.7 किमी डबल सुरंग का निर्माण करेगा.
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Railways will build twin tunnels for the first time in the mountains near Delhi, length will be 4.7 KM

Delhi : हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों के बीच रेलवे की ट्विन टनल यानी जुड़वां सुरंग का काम जल्द शुरू होने जा रहा है. हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन इस 4.7 किमी डबल सुरंग का निर्माण करेगा. खास बात है कि यह देश में इस तरह की पहली टनल होगी. हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को कहा कि हरियाणा ऑर्बिट रेल कॉरपोरेशन (HORC) की ट्विन टनल का निर्माण जल्द शुरू होगा, जिसके जरिए गुरुग्राम में प्रस्तावित आईएमटी सोहना और धुलावत स्टेशनों के बीच दूरी कम हो जाएगी.

हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल, जो हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआरआईडीसी) के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने बताया कि प्रत्येक सुरंग की लंबाई 4.7 किलोमीटर है और अरावली रेंज की 80 मीटर ऊंची चट्टान से होकर गुजरेंगी. इसके निर्माण में ₹1,088 करोड़ का खर्च आएगा.

न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से होगा निर्माण-

एचआरआईडीसी बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि एचओआरसी प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली जुड़वां सुरंग के बनने से माल परिवहन और आसान होगा. इससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. इस प्रोजेक्ट में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिसमें न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड भी शामिल है, जो चुनौतीपूर्ण इलाके में सुरंग बनाने में अपनी सुरक्षा और दक्षता के लिए प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि सुरंगों में उच्च ऊंचाई वाले ओवरहेड विद्युतीकरण (ओएचई) प्रणाली और बैलास्टलेस ट्रैक (बीएलटी) प्रणाली जैसे एलिमेंट्स होंगे.

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर पर चलने वाली ट्रेनें इस सुरंग से गुजरेंगी. खास बात है कि इस ट्विन टनल के जरिये हरियाणा के सोहना और नूह जिले रेलमार्ग से जुड़ जाएंगे. इस सुरंग की ऊंचाई करीब 25 मीटर रहेगी. ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के साथ बनाया जा रहा है.

ट्विन टनल से ये बड़े फायदे होंगे-

चूंकि यह रेल कॉरिडोर सोहना और मानेसर के रास्ते पलवल और सोनीपत को जोड़ता है. इसका सबसे ज्यादा फायदा मानेसर, सोहना और सोनीपत को मिलेगा. इस कॉरिडोर से पैसेंजर ट्रेनों को 160 किलोमीटर की गति से दौड़ाया जा सकेगा.

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