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Railway : इस कर्मचारी ने 7 महीने में रेलवे को कमा कर दिए 1 करोड़ रुपये

आज हम आपको बताने जा रहे है सुनील नैनानी के बारे में जोकि सेंट्रल रेलवे के मुबंई डिवीजन में कार्यरत हैं, इस शख्स ने 7 महीने के अंदर 1 करोड़ रुपये से अधिक कमाकर रेलवे के खाते में डाल दिए,
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Railway: This employee earned Rs 1 crore for Railways in 7 months

Saral Kisan : भारतीय रेलवे (Indian Railways) दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है. हर दिन देश में करोड़ों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं. कई लंबी दूरी तो कई छोटी दूरी की यात्रा तय करते हैं. ट्रेन में सफर करने के लिए यात्रियों को टिकट की जरूरत होती है. हालांकि, कई बार देखा गया है कि कुछ यात्री बगैर टिकट भी ट्रेनों में सफर करने लगते हैं. ऐसा करना कानूनी अपराध होता है और इसके लिए जुर्माने तथा जेल की सजा का प्रावधान है.

सेंट्रल रेलवे के टीटीई सुनील नैनानी (TTE Sunil Nainani of Central Railway) ने ऐसे बेटिकट यात्रियों से वसूली कर रेलवे के खजाने में 7 महीने के अंदर 1,00,02,830 रुपये डाल दिए हैं. नैनानी ने यह वसूली 1 अप्रैल से 13 अक्टूबर के बीच की है. नैनानी मुबंई डिवीजन के टिकट चेकिंग स्क्वॉड में तैनात हैं. उन्होंने उपरोक्त समय में 10,426 यात्रियों से जुर्माना वसूला है.

पहले भी कर चुके हैं कारनामा

सुनील नैनानी ने यह कारनामा पहली बार नहीं किया है. वह इससे पिछले साल बी 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूल चुके हैं. पिछले साल भी उन्होंने 18,413 बेटिकट यात्रियों से 1.62 करोड़ रुपये वसूला था. सेंट्रल रेलवे में साल 2022-23 के दौरान कुल चार टिकट चेकिंग स्टाफ ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना बेटिकट यात्रियों से वसूल किया था.

बेटिकट यात्रियों के करता है रेलवे कमाई

बगैर टिकट यात्रा कर रहे लोगों से रेलवे हर साल अच्छी-खासी कमाई करता है. ट्रेन में बगैर टिकट यात्रा कर रहे या फिर स्टेशन पर बिना प्लेटफॉर्म टिकट (platform ticket) के पाए जाने पर लोगों से जुर्माना वसूला जाता है. 2022-23 में रेलवे ने बिना टिकट यात्रा कर रहे 3.6 करोड़ यात्रियों को पकड़कर उनसे जुर्माना लिया था. इनमें से कई यात्री ऐसे भी हैं जो जनरल का टिकट लेकर स्लीपर में ट्रैवल करते पाए गए थे.

गौरतलब है कि किसी निम्न श्रेणी की टिकट लेकर उच्च श्रेणी में यात्रा करने पर भी जुर्माना वसूला जा सकता है. इस संबंध में आरटीआई के जरिए मांगे गए जवाब के मुताबिक, वर्ष 2019-2020 में 1.10 करोड़ लोग बिना टिकट या गलत टिकट के साथ यात्रा करते पकड़े गए थे, जबकि 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 2.7 करोड़ और 2022-23 में 3.6 करोड़ हो गई.

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