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Railway : विंडो टिकट लेकर रेल यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे लाया नया सिस्टम

Train travel with window ticket : ट्रेन में यात्रा के दौरान विंडो टिकट लेकर सफर करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे नया सिस्टम लेकर आया है। बताया जा रहा है कि यात्रियों को टिकट से जुड़ी किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। आईआरसीटीसी इस नए सिस्टम के तहत किए बड़े बदलाव करेगा।

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Railway: Railways brings new system for passengers traveling by train with window ticket

Railway : रेल यात्रा के दौरान विंडो टिकट वालों को कोई टेंशन न हो इसके लिए रेलवे नया सिस्‍टम लागू करने जा रहा है। इससे यात्रियों को यात्रा पूरी होने तक टिकट की हिफाजत करने की जरूरत नहीं होगी। रास्‍ते में टिकट खो जाने का डर नहीं सताएगा। न ही खो जाने पर आधा पैसा देकर टिकट बनवाने के लिए परेशान होना पड़ेगा। आईआरसीटीसी (IRCTC) के ई-टिकट की तरह विंडो टिकट भी मोबाइल के मैसेज पर मान्य होगा। जल्द ही यह व्यवस्था शुरू करने की तैयारी है।

रेल आरक्षण में अब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) सिस्टम आ रहा है और इस वजह से कई अहम बदलाव हो रहे हैं। उन्हीं में एक अहम बदलाव टिकटिंग सिस्टम को लेकर भी होगा। वर्तमान में जैसे आईआरसीटीसी द्वारा बुक कराया टिकट सिर्फ मैसेज पर ही मान्य हो जाता है। वैसे ही रेलवे आरक्षण काउंटर से भी टिकट लेने पर मोबाइल पर मैसेज पहुंचेगा जिस पर यात्रा मान्य होगी।

इस सिस्टम के बदल जाने से सबसे अधिक सुविधा ये होगी कि टिकट खोने, फट जाने या छूट जाने जैसा कोई डर नहीं होगा। वर्तमान में अगर विंडो टिकट गुम हो जाए और वह वेटिंग में है तो यात्रा तो दूर की बात है यात्रियों को बिना टिकट रिफंड भी नहीं मिलेगा। अगर बर्थ कंफर्म है और टिकट गुम हो गया है तो भी आपको 50 फीसदी का किराया देकर डुप्लीकेट टिकट जारी कराना होगा।

पीआरएस से 30% टिकटों की बुकिंग 

वर्तमान समय में टिकटों की बुकिंग में सबसे अधिक आईआरसीटीसी की है। कुल आरक्षण बुकिंग में आईआरसीटीसी की 70 फीसदी हिस्सेदारी है तो रेल काउंटरों से जारी होने वाली टिकटों की हिस्सेदारी 30 फीसदी है। दरअसल, रेलवे टिकट काउंटर चार्ट बनने के बाद भी अगर प्रतीक्षा सूची में है तो खुद से निरस्त नहीं होता है। जबकि ई-टिकट में वेटिंग टिकट कंफर्म न होने की स्थिति में खुद ही निरस्त हो जाता है।

प्रशिक्षण लेंगे लोको पायलट

आंध्र प्रदेश में दो पैसेंजर ट्रेनों की भिड़ंत के बाद रेलवे बोर्ड ने संबंधित जोनल रेलवे के समस्त लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व गार्ड को ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम पर ट्रेन चलाने संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में रेलवे मैन्युअल के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिण-मध्य रेलवे (एससीआर) ने इस बाबत 30 अक्तूबर को आदेश जारी कर दिए हैं।

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