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Railways : बड़े काम का है रेलवे का HO कोटा, वेटिंग टिकट एक झटके में हो जाती है कन्फर्म, आम यात्री भी ले सकते हैं लाभ

Indian Railways : रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर। दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में रेलवे के एचओ कोटे के बारे में बताने जा रहे है। जिससे वेटिंंग टिकट एक झटके में ही कंफर्म हो जाती है... आपको बता दें कि आम यात्री भी ले सकते है इसका लाभ।
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Railways: HO quota of Railways is of great use, waiting tickets get confirmed in a jiffy, common passengers can also avail the benefits.

Saral Kisan : अगर आपका टिकट भी वेटिंग है तो उसे तुरंत कंफर्म कराने का एक तरीका है.  आप उसे रेलवे के एचओ कोटा (High Official Quota) के जरिए कंफर्म करा सकते हैं. हां, ऐसा करे के लिए आपको कुछ शर्तों को पूरा करना होगा. वैसे तो एचओ कोटा रेलवे अधिकारियों, वीआईपी और नौकरशाहों के लिए होता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में आम यात्री भी इसका लाभ उठा सकता र्है.

दरअसल, जब भी हम ट्रेन में टिकट बुक करते हैं तो अलग-अलग कोटा के जरिए बुकिंग की जाती है. जिन लोगों का स्पेशल कोटा होता है, उन्हें सीट मिलने में भी प्राथमिकता दी जाती है. ट्रेनों में सीनियर सिटीजन सहित कई वर्गों का कोटा होता है. रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारियों, विशिष्‍ठ व्‍यक्तियों और नौकरशाहों के लिए भी एचओ कोटा के तहत सीटें रिजर्व रहती हैं. हालांकि, इनकी संख्‍या काफी कम होती है.

कैसे मिलती है कन्फर्म टिकट

इस कोटा का का उल्‍लेख टिकट बुक करते वक्‍त नहीं करना होता है. एचओ कोटा उन टिकटों पर लागू किया जा सकता है जो सामान्य कोटा में बुक किए गए हैं लेकिन वेटिंग लिस्ट में हैं. एचओ कोटा के तहत कुछ सीटें रिजर्व रहती हैं, इसलिए इसमें आवेदन करने पर टिकट बहुत जल्‍दी कंफर्म होती है.

आम यात्री भी कर सकता है आवेदन

वैसे तो यह कोटा खास व्‍यक्तियों के लिए होता है, लेकिन आम यात्री भी कुछ विशेष परिस्थितियों में एचओ कोटा का फायदा उठाकर अपनी टिकट कंफर्म करा सकता है. इस कोटा का लाभ उठाने के लिए जरूरी शर्त यह है कि यात्री का सफर करना अत्‍यंत आवश्‍क होना चाहिए. उसे दस्‍तावेजों से यह बात साबित करनी होती है.

ऐसे करें आवेदन

आम यात्री को HO कोटे के लिए आवेदन करने के लिए यात्रा की तारीख से एक दिन पहले इमरजेंसी की स्थिति को साबित करने वाले सभी दस्तावेजों के साथ मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक के पास आवेदन (इमरजेंसी कोटा (EQ) फॉर्म) देना होता है. इस आवेदन पर राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर भी होने चाहिए. आवेदन मिलने के बाद इसकी जानकारी मंडल/ जोनल ऑफिस के पास भेजी जाती है और फिर अप्रूव होने पर टिकट कन्फर्म हो जाती है.

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