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Railways Fact : रेलवे ट्रैक और रेलवे लाइन में क्या होता है अंतर, अधिकत्तर लोगों को नहीं पता

रेलवे हमारे देश का सबसे बडा नेटवर्क हैं। आपने भी रेल में जरूर सफर किया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे लाइन और रेल ट्रैक के बीच क्या अंतर होता हैं। दरअसल अधिकतर लोग इसे एक ही चीज मानते हैं लेकिन आपको बता दें कि दोनों अलग चीज हैं.

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Railways Fact: What is the difference between railway track and railway line, most of the people do not know

Railway line and Railway track: भारतीय रेलवे हमारे जीवन का एक प्रमुख हिस्सा है। यह देश में यात्रा करने का सबसे आसान और सस्ता साधन है। भारतीय रेल को लेकर कई ऐसी बातें है जो हम नहीं जानते। इसीलिए लोग उत्सुकता के साथ इसको लेकर बात करते हैं। ट्रेन पर यात्रा तो हम सब करते हैं लेकिन इसकी बेसिक और छोटी चीजों के बारे में भी हमें नहीं पता होता। ऐसी ही एक जानकारी रेलवे लाइन और रेल ट्रैक को लेकर है। क्या आप भी दोनों को एक ही समझते हैं या फिर आपको इन दोनों के बीच का अंतर मालूम है। अगर नहीं जानते तो हम आपको रेलवे ट्रैक और रेल लाइन के बीच का अंतर बता देते हैं।

सामान्य तौर पर अक्सर लोग रेल लाइन और रेलवे ट्रैक को एक ही समझते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दोनों टर्म का इस्तेमाल एक साथ किया जाता है लेकिन दोनों एक बात नहीं हैं। रेलवे ट्रैक और रेल लाइन के बीच एक बड़ा अंतर होता है।

पहले रेल लाइन फिर रेलवे ट्रैक -

आपको बता दें कि बिना रेल लाइन तय किए बिना रेलवे ट्रैक नहीं तैयार किया जा सकता है। सामान्य भाषा में सीधी बात यह है कि पहले रेलवे लाइन निर्धारित की जाती है फिर रेलवे ट्रैक तैयार किया जाता है। उदाहरण के लिए अगर सरकार यह ऐलान करती है कि कानपुर और प्रयागराज के बीच एक लाइन बनेगी और कुछ महीनों के बाद इसमें रेलवे ट्रैक का काम शुरू किया जाएगा। तो यहां दोनों बात एक साथ कही गई हैं लेकिन इसमें अंतर साफ साफ है। 

रेलवे लाइन दो प्वाइंट के बीच की दूरी होती है जैसे- प्रयागराज और कानपुर के बीच की दूरी। इन दोनों बिंदुओं के बीच में रेलवे ट्रैक बिछाया जाता है। बता दें कि अक्सर लोग ट्रेन की पटरी को रेवले ट्रैक समझते हैं लेकन ऐसा नहीं है। रेलवे ट्रैक में स्टील लोहे की पटरी, हैवी स्लीपर और बैलेस्ट होते हैं। इन तीनों को मिलाकर ही रेलवे ट्रैक तैयार किया जाता है।

रेलवे ट्रैक तैयार करने में आता है इतना खर्च -

क्या आप जानते हैं कि आखिर ट्रेन की पटरी पर जंग क्यों नहीं लगता। दरअसल रेल की पटरी लोह की नहीं होती। यह खास तरह की स्टील होती है जिसे मेंगलॉय को मिलाकर तैयार किया जाता है। इस स्टील पर नमी और ऑक्सीजन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। आपको बता दें कि आमतौर पर 1 किलोमीटर रेलवे ट्रैक को तैयार करने के लिए 10 से 12 करोड़ रुपये का खर्च आता है।

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