Railway Waiting Room : रेलवे के वैटिंग रूम में इन स्पेशल लोगों को मिलेगी एंट्री
स्टेशन पर आपने रनिंग रूम देखा होगा. क्या आप जानते हैं कि इसका काम क्या होता है. यह किसी दुर्घटना को रोकने में काफी मदद करते हैं. हालांकि, प्रत्यक्ष रूप से ट्रेनों के परिचालन में इनका कोई योगदान नहीं होता, लेकिन परोक्ष रूप से इनका महत्व बहुत अधिक है.
Railway Waiting Room : रनिंग रूम आम लोगों के लिए नहीं होते हैं. यह एक तरह का विश्राम कक्ष ही होता है लेकिन इसमें कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. इनमें रीडिंग रूम, योग की सुविधा, सोने और खाने-पीने की सुविधा होती हैं। जानिए विस्तार से-
स्टेशन पर आपने रनिंग रूम देखा होगा. क्या आप जानते हैं कि इसका काम क्या होता है. यह किसी दुर्घटना को रोकने में काफी मदद करते हैं. हालांकि, प्रत्यक्ष रूप से ट्रेनों के परिचालन में इनका कोई योगदान नहीं होता, लेकिन परोक्ष रूप से इनका महत्व बहुत अधिक है. संभव है कि बहुत से लोगों को रनिंग रूम का मतलब पता भी हो लेकिन जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि यह एक विश्राम गृह होता है. जिस तरह एक आम यात्री के लिए वेटिंग रूम यानी विश्राम कक्ष बनाए जाते हैं उसी तरह यह भी होते हैं. हालांकि, इसका इस्तेमाल आम यात्री नहीं कर सकते हैं.
इन्हें खास तौर पर लोको पायलट यानी ट्रेन चालकों व गार्ड के लिए बनाया जाता है.जब चालक अपने मुख्यालय से ट्रेन लेकर दूसरे शहर में जाते हैं तो इन रनिंग रूम में कुछ घंटों के लिए रेस्ट कर सकते हैं. यहां उनके ठहरने, सोने, मेडिटेशन व योग करने के लिए व्यवस्था की गई होती है. यहां चालक व गार्ड खाना-पीना भी कर सकते हैं.
एक्सीडेंट टालने में मदद:
ट्रेन चालक जब काफी दूर से ट्रेन चलाकर आ रहे होते हैं तो उनका शरीर और दिमाग दोनों ही थक जाते हैं. इसी कंडीशन में अगर उन्हें दोबारा ट्रेन चलाने के लिए भेज दिया जाए तो अनहोनी की आशंका बढ़ जाएगी. इसलिए रनिंग रूम का इस्तेमाल किया जाता है ताकि चालक वहां आराम-ध्यान कर लें. कुछ घंटों के आराम के बाद जब वह तनावमुक्त हो जाते हैं तो उन्हें दोबारा ड्यूटी पर भेजा जा सकता है. रनिंग रूम की दीवारों पर लोको पायलट को जागरूक रखने के लिए कई तरह के स्लोगन भी लिखे जाते हैं, जैसे कि सुरक्षित ट्रेन संचालन हमारी पहली जिम्मेदारी है, मैं एक जिम्मेदार लोको पायलट हूं खतरा सिग्नल पार नहीं कर सकता व एक सतर्क कर्मचारी संरक्षा का सर्वोत्तम साधन है आदि.
कहलाता है दूसरा घर:
रनिंग रूम को लोको पायलट का दूसरा घर माना जाता है. इसका कारण यही है कि वह यहां आकर आराम करता है और फिर नई ट्रेन चलाने के लिए उर्जावान महसूस करता है. रनिंग रूम को एक सिंगल रूम नहीं होता यह बड़े स्टेशनों पर अपार्टमेंट्स की तरह बनाए जाते हैं जहां सभी जरूरी सुविधाएं लोको पायलट और गार्ड को मिलती है. छोटे स्टेशनों पर भी इन्हें कई कमरों वाला बनाया जाता है. रेलवे अपने रनिंग रूम्स का काफी ख्याल रखता है.
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