Pulses Price : दालों के भाव में दिखने लगी गिरावट, जानिए क्या है बड़ी वजह
इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल कठोरी के अनुसार इस साल मौसम खराब होने की वजह से उत्पादन पर प्रभाव पड़ा है। चने की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से 15 से 20% अधिक देखने को मिली।
Pulses Price : सरकार द्वारा महंगाई को काबू करने के लिए रोजाना नए-नए कदम उठाती हैं। सरकार द्वारा उठाए गए कुछ नए कदमों का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है। भारत में दालों के निर्यात में स्टॉक के हिसाब से करीबन 22 फीसदी गिरावट देखने को मिल रही है। जैसा कि हम जानते हैं बांग्लादेश, चीन और UAE दालों के मुख्य खरीददार है। साल 2022-23 में दालों का निर्यात 7.62 लाख टन था, जो 2023-24 में घटकर 5.94 लाख टन रह गया था।
इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल कठोरी के अनुसार इस साल मौसम खराब होने की वजह से उत्पादन पर प्रभाव पड़ा है। चने की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से 15 से 20% अधिक देखने को मिली। जिसका सीधा असर निर्यात पर हुआ है। इससे पहले चना एमएसपी रेट पर बांग्लादेश और नेपाल जैसे देश खरीदते थे।
तुवर और मूंग के निर्यात में भी आई गिरावट
इग्रेन इंडिया के राहुल चौहान के मुताबिक भारतीय दाल को प्रवासी आबादी की जरूरत को पूरा करने के लिए निर्यात किया जाता है। देसी चना और काबुली चना के निर्यात में गिरावट आई है, तो दूसरी ओर मसूर, तुवर और उड़द के निर्यात में बढ़ोतरी देखने को मिली है। चौहान ने बताया कि उड़द का निर्यात दुगुना से अधिक होकर 1.58 लाख टन तक पहुंच चुका है।
भारत में होती है सबसे अधिक दालें
इस वर्ष के निर्यात में पिछले साल की तुलना में गिरावट देखने को मिली है। पिछले साल चने का निर्यात 1.27 लाख टन था, जो इस साल घटकर 45361 टन रह गया है। इसी प्रकार काबुली चने के निर्यात में भी गिरावट आई है। जो पिछले साल के मुकाबले घटकर 80488 टन रह गया है। जो पिछले साल 93624 टन था।