बैलेंस न होने पर सरकारी बैंकों ने वसूले 8500 करोड़ रुपये, जानिए पूरी डिटेल
Minimum Balance Penalty : देश के सरकारी बैंकों ने खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर खाताधारकों पर 5 साल में 8500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इस दौरान इन बैंकों द्वारा जुर्माने के तौर पर वसूली गई राशि में 34 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों ने जुर्माने के तौर पर 1,738 करोड़ रुपये वसूले थे। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 तक बढ़कर 2,331 करोड़ रुपये हो गया। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा दिए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना वसूलने के लिए इन बैंकों के पास अलग-अलग तंत्र हैं।
पीएनबी ने 5 वर्षों में अधिकतम 1538 करोड़ रुपए वसूले
बैंक | 5 वर्षों में वसूली |
एस.बी.आई. | 640 करोड़ |
पी.एन.बी | 1538 करोड़ |
इंडियन बैंक | 1466 करोड़ |
बी.ओ.बी | 1250 करोड़ |
केनरा बैंक | 1157 करोड़ |
बी.ओ.आई | 827 करोड़ |
वर्ष 2023-24 में न्यूनतम शेषराशि न रखने पर 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2331 करोड़ रुपए वसूले। यह 2022-23 में वसूले गए 1855 करोड़ रुपए से 25% अधिक है। इन 5 वर्षों में पी.एन.बी. ने अधिकतम 1538 करोड़ रुपए तथा इंडियन बैंक ने अधिकतम 1466 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया।