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दिल्ली-NCR की प्रॉपर्टी ने पकड़ी स्पीड, जमीन और फ्लैट के रेट में आया 98 फीसदी तक उछाल

Delhi NCR Real Estate:दिल्ली-NCR के रियल एस्टेट क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, विशेष रूप से गुरुग्राम, द्वारका एक्सप्रेसवे और जेवर जैसे स्थानों में। बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, एयरपोर्ट परियोजनाएं और मेट्रो कनेक्टिविटी ने इन क्षेत्रों को निवेश और आवास खरीदने का प्रमुख केंद्र बना दिया है। 

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जमीन और फ्लैट के रेट में आया 98 फीसदी तक उछाल

Saral Kisan, Delhi NCR Real Estate: दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट क्षेत्र में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। इस उछाल का मुख्य कारण है- मजबूत और तेजी से विकसित हो रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, द्वारका एक्सप्रेसवे, आरआरटीएस और मेट्रो विस्तार जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स ने न केवल कनेक्टिविटी को सुधारा है, बल्कि नए रियल एस्टेट कॉरिडोर भी खोले हैं, जहां घर खरीदने वालों और निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है। 

गुरुग्राम निवेश का केंद्र बन गया है। 

एनारॉक की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में संपत्ति की कीमतों में औसतन 81% की वृद्धि हुई है। विशेष रूप से गुरुग्राम के प्रीमियम क्षेत्रों में यह वृद्धि 98% तक पहुंच गई है। 

इसकी वजह बताते हुए लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है, 'गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में काफी बदलाव आया है। चौड़ी सड़कें, एक्सप्रेसवे से सीधा जुड़ाव और मेट्रो की पहुंच ने इन क्षेत्रों को नया बाजार बना दिया है। लोग अब दिल्ली की बजाय गुरुग्राम के इन नए क्षेत्रों को अधिक पसंद कर रहे हैं, क्योंकि ये इन्फ्रास्ट्रक्चर, सुविधाजनक और निवेश के दृष्टिकोण से बेहतर साबित हो रहे हैं।' 

2019 में न्यू गुरुग्राम में संपत्ति की कीमत ₹5,400 प्रति वर्गफुट थी, जबकि 2024 में यह ₹10,700 प्रति वर्गफुट तक पहुंच गई है। यानी 98% की वृद्धि, जो इसे एनसीआर का सबसे तेजी से बढ़ने वाला माइक्रोमार्केट बनाती है। 

अफोर्डेबल सेगमेंट में बढ़ी मांग 

एमआरजी ग्रुप के एमडी रजत गोयल का कहना है कि अब घर खरीदने वालों की सोच काफी बदल गई है। लोग केवल बजट में घर नहीं ढूंढ रहे, बल्कि ऐसी जगहों की तलाश कर रहे हैं जहां अच्छी कनेक्टिविटी, चौड़ी सड़कें, मेट्रो की सुविधा और सुरक्षित वातावरण हो। 

गोयल का कहना है कि द्वारका एक्सप्रेसवे और उसके आसपास के क्षेत्रों में इसी कारण मिड सेगमेंट के साथ-साथ लग्जरी आवास की मांग में तेजी आई है। कोविड के बाद लोगों में यह समझ बढ़ी है कि घर की लोकेशन, आस-पास का इन्फ्रास्ट्रक्चर और लाइफस्टाइल सुविधाएं कितनी महत्वपूर्ण होती हैं। 

ऑफिस और रिटेल की मांग भी बढ़ी 

ओकस ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश मेहता का कहना है कि कमर्शियल रियल एस्टेट, विशेष रूप से ऑफिस और रिटेल स्पेस की मांग में न्यू गुरुग्राम, SPR और द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पुराने बिजनेस सेंटर अब छोटे पड़ने लगे हैं। ऐसे में कंपनियां नए क्षेत्रों की ओर बढ़ रही हैं, जहां बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और एयरपोर्ट से निकटता जैसे फायदे हैं। 

नोएडा के बाद जेवर बना बड़ा गेम चेंजर 

नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में भी इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण संपत्ति की मांग में तेजी आई है। न्यू नोएडा प्रोजेक्ट और जेवर एयरपोर्ट ने इस क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है। जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट इलाके के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि एयरपोर्ट चालू होने के बाद अंतरराष्ट्रीय कंपनियां और निवेशक यहां की ओर आकर्षित होंगे। कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जेवर अब सबसे तेजी से बढ़ने वाले रियल एस्टेट माइक्रो मार्केट्स में से एक बन गया है। यहां जमीन की कीमतें पिछले 5 वर्षों में 40% से अधिक बढ़ चुकी हैं। 

सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर मार्केटिंग एंड बिजनेस मैनेजमेंट, सलिल कुमार का कहना है कि नोएडा एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा और जेवर एयरपोर्ट कॉरिडोर जैसे क्षेत्रों में जिस तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, उसने पूरे वेस्ट यूपी रियल एस्टेट मार्केट को नई ऊर्जा दी है। अब यह क्षेत्र केवल रहने का नहीं, बल्कि निवेश और रेंटल के लिए भी शानदार विकल्प बन चुका है। 

इन क्षेत्रों में दिखा बड़ा उछाल 

न्यू गुरुग्राम: 98% तक संपत्ति कीमतों में वृद्धि 
गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड, गुरुग्राम: 95% तक वृद्धि 
द्वारका एक्सप्रेसवे: 79% की वृद्धि 
नोएडा एक्सप्रेसवे: 69% का इजाफा 
जेवर: जमीन की कीमतें 40% तक बढ़ीं

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