उत्तर प्रदेश के इस स्कूल के सामने प्राइवेट स्कूल भी फैल, स्मार्ट तरीके से होती है पढ़ाई
Bhagesar village Primary school : आज के समय में लोगों की प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को लेकर अलग-अलग सोच बनी हुई है। करीबन लोगों का यह सोचना होता है कि सरकारी स्कूल में पढ़ कर बच्चे अंग्रेजी नहीं बोल सकते हैं। लेकिन लोगों की इसी सोच को उत्तर प्रदेश का ये स्कूल गलत ठहराने वाला है। आज हम आपको एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने वाले हैं जहां बच्चों को इंग्लिश मीडियम पढ़ाई जाती है और सुविधाओं के तौर पर डिजिटलाइजेशन किया गया है। इससे बच्चों को पढ़ने में इंटरेस्ट बनता है और बताई जा रही कहानियों से वह आसानी से सीख सकते हैं। विद्यालय के हेड मास्टर की पहल से पूरे स्कूल की तस्वीर बदल गई।
प्राइवेट स्कूल को देता है टक्कर
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के भागलपुर गांव के तहत आने वाले प्राथमिक विद्यालय ने इंग्लिश मीडियम के विद्यालयों को भी पीछे छोड़ दिया है। सरकार की ओर से स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ स्कूल के प्रिंसिपल रविकांत द्विवेदी की पहल से स्मार्ट क्लास में पढ़ाई करके बच्चे नई तकनीक सीख रहे हैं। मिर्जापुर जिले के 426 पूर्व माध्यमिक व कंपोजिट विद्यालय में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई करवाई जाएगी। हालांकि स्कूल में पहले से ही बच्चे स्मार्ट क्लास से पढ़ाई कर रहे हैं।
हेड मास्टर ने किया कमाल
स्कूल के प्रिंसिपल रविकांत द्विवेदी की पहल से स्कूल में डिजिटल क्लास के माध्यम से स्मार्ट टीवी पर ई विद्या चैनल से पढ़ाई करवाई जा रही है। छात्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि टीवी में हम लोगों को गणित, अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाया जाता है। टीवी देखने में बच्चों को इंटरेस्ट भी बन रहा है और हर विषय के बारे में अच्छी से अच्छी जानकारी मिल रही है।
करवाई जा रही नवोदय की तैयारी
स्कूल के छात्रों ने बताया कि अध्यापक टीवी पर पढ़ाते हैं और इससे उनका ज्ञान भी बढ़ रहा है। छात्रों ने कहा कि टीवी पर संस्कृत हिंदी में गणित पढ़ने में अधिक मजा आता है। टीवी पर लगाई जा रही क्लास के बाद अध्यापक भी अच्छे से समझा पाते हैं।
हेड मास्टर रविकांत द्विवेदी ने बताया कि स्मार्ट टीवी के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई में रुचि बढ़ रही है। ब्लैक बोर्ड पर पढ़ते समय बच्चों को समझ में नहीं आ पाता और इस तरीके से उन्हें सब कुछ समझ में आ जाता है। उन्होंने बताया कि हमारे विद्यालय से दो बच्चों का चयन नवोदय में भी हुआ है। उन्होंने बताया कि जरूरतमंद बच्चों को बेहतर और उच्च शिक्षा प्रदान करना उनका लक्ष्य है।